नई दिल्ली– कोरोना संकट के बीच देशभर में विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस पावन पर्व के अवसर पर हर साल की भांति इस साल भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हेडक्वार्टर में शस्त्र पूजा की गई। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस दौरान अपने संबोधन में चीन पर निशाना साधा। वहीं भागवत के बयान को लेकर अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
विजयादशमी उत्सव (रविवार दि. 25 अक्तूबर 2020) के अवसर पर प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत का उद्बोधनhttps://t.co/WtTY7AQlOb
— RSS (@RSSorg) October 25, 2020
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और संघ प्रमुख मोहन भागवत पर हमला बोलते हुए कहा है कि चीन ने हमारी जमीन हथिया ली है वहीं भारत सरकार और आरएसएस ने ये होने देने की अनुमति दी है।
राहुल गांधी का ये बयान संघ प्रमुख के उस बयान पर आया है जिसमें आज (रविवार) को नागपुर में शस्त्रपूजन के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा था कि “कोरोना काल में चीन ने अपने सामरिक बल के गर्व में, अभिमान में हमारी सीमाओं का जो अतिक्रमण किया और जिस प्रकार का व्यवहार किया और कर रहा है। केवल हमारे साथ नहीं, सारी दुनिया के साथ।वो तो सारी दुनिया के सामने स्पष्ट है।”
Deep inside, Mr Bhagwat knows the truth. He is just scared to face it.
The truth is China has taken our land and GOI & RSS have allowed it. pic.twitter.com/20GRNDfEvD
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 25, 2020
राहुल गांधी ने मीडिया एजेंसी के एक ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए कहा कि कहीं न कहीं भागवत सच्चाई जरूर जानते हैं, लेकिन वे इसका सामना करने में डरे हुए हैं।
बता दें कि नागपुर में अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा था कि इस बार चीन को भारत ने जैसा जवाब दिया है, उसके कारण चीन सहम गया, भारत की प्रतिक्रिया से चीन को धक्का लगा। मोहन भागवत ने कहा कि भारत चीन के सामने तनकर खड़ा हो गया। भारत की सेना ने अपनी वीरता का परिचय दिया, सामरिक और आर्थिक दोनों दृष्टि से वो ठिठक जाए इतना धक्का तो उसे मिला।
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मोहन भागवत ने कहा कि भारत का रुख देखने के बाद दुनिया के बाकी देशों ने भी चीन को अब डांटना शुरू किया है। उसके सामने खड़ा होना शुरू किया है। इसलिए हमें सजग होने की जरूरत है। क्योंकि इसकी प्रतिक्रिया में वो क्या करेगा वो हमे पता नहीं है इसलिए हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है। अब देखना होगा कि राहुल गांधी के इस बयान पर मोहन भागवत की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है।