कोरोना काल में संसद का मानसून सत्र भी काफी अलग तरह से चलेगा। कोविड–19 के मद्देनजर पहली बार सदन के अंदर कई चीजें बदली दिखाई देंगी।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कई तरह के बैन के तहत मानसून सत्र को सक्षम बनाने के लिए दोनों सदनों के कक्षों और दीर्घाओं का उपयोग करने का फैसला लिया है। वेंकैया नायडू ने टेस्ट, पूर्वाभ्यास और आखिरी टेस्ट के लिए इस महीने के तीसरे हफ्ते तक सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आगामी सत्र के लिए इस महीने के तीसरे ह फ्ते तक पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के लिए राज्यसभा सचिवालय पिछले दो हफ्ते से ओवरटाइम काम कर रहा है। व्यवस्थाओं के मुताबिक, राज्य सभा कक्ष और दीर्घाओं और लोकसभा कक्ष का उपयोग मानसून सत्र के दौरान सदन के सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा। इसमें चैम्बर में 60 सदस्य और राज्य सभा की दीर्घाओं में 51 सदस्य शामिल हैं, जो सामाजिक भेद के मानदंड के अनुसार पहली लाइन से बाहर हैं। बाकी 132 लोकसभा के कक्ष में बैठेंगे। विभिन्न दलों को संबंधित ताकत के आधार पर राज्यसभा के चैंबर और दीर्घाओं में सीटें आवंटित की जाएंगी और शेष को लोक सभा के कक्ष में सत्तारूढ़ दलों और अन्य के लिए दो ब्लॉकों में बैठाया जाएगा। राज्यसभा के सभापति ने सचिवालय के अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया है कि वे सदस्यों की आवश्यकता को कम करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करके विभिन्न कागजों को संभालें। उ म्मीद की जा रही है कि अगस्त के आखिरी में या फिर सिंतबर महीने की शुरूआत में संसद का मानसून सत्र शुरू होगा। सत्र की शुरूआत करने के लिए जल्द ही संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक हो सकती है जिसमें सत्र का पूरा कार्यक्रम तय किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा की कार्यवाही सुबह 10 बजे से दोपहर बाद तक और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 4 बजे शाम को 8 बजे तक बुलाई जा सकती है।