नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): संसद परिसर में धरना प्रदर्शन पर रोक को लेकर उठे विवाद पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष को नसीहत दी है।स्पीकर ने कहा है कि बिना तथ्यों और जानकारी के आरोप प्रत्यारोप से बचना चाहिए। संसद परिसर में धरना प्रदर्शन उपवास इत्यादि को लेकर जारी दिशा निर्देश पर उठे विवाद को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बड़ा बयान दिया है। संसद परिसर में धरना प्रदर्शन पर रोक को लेकर विपक्ष के आरोपों पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि ये पहले से चली आ रही प्रक्रिया है।
विपक्ष को नसीहत देते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि बिना तथ्यों और जानकारी के आरोप प्रत्यारोप से बचना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस विवाद पर आगे कहा कि सभी राजनीतिक दलों से आग्रह है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं पर बिना तथ्यों के आरोप प्रत्यारोप नहीं करना चाहिए। संसद परिसर में धरना प्रदर्शन उपवास इत्यादि को लेकर जारी दिशा निर्देश पर उठे विवाद को लोकसभा सचिवालय ने भी रूटीन प्रक्रिया का हिस्सा बताया है।
मानसून सत्र के मद्देनजर संसद परिसर में धरना प्रदर्शन हड़ताल उपवास जैसी गतिविधियों को रोकने संबंधित सांसदों को जारी दिशा निर्देश पर लोकसभा सचिवालय ने ये स्पष्टीकरण दिया है। लोकसभा सचिवालय ने कहा है कि इस तरह के दिशा निर्देश और अपील हर सत्र से पहले की तरफ से पहले जारी किए जाते हैं लिहाजा इसे सामान्य और रुटीन प्रक्रिया के तहत ही देखा जाना चाहिए।
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लोकसभा सचिवालय का ये स्पष्टीकरण दिशा निर्देशों को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश सहित विपक्ष के अन्य नेताओ द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद आया है लोकसभा सचिवालय से यह भी कहना है कि ऐसे दिशा निर्देश बीच सत्र के दौरान भी जारी किए जाते रहे हैं। लोकसभा सचिवालय का यह भी कहना है कि ऐसे दिशा निर्देश सत्र के दौरान भी जारी किये जाते हैं।
मानसून सत्र से पहले सांसद को निर्देश दिया गया है कि वे संसद परिसर में धरना प्रदर्शन हड़ताल उपवास या किसी धार्मिक आयोजन इत्यादि ना करें इसके साथ ही लोकसभा स्पीकर की बिना पूर्व अनुमति के किसी भी तरह के लिटरेचर प्रश्नावली पेम्पलेट प्रेस नोट लीफलेट या किसी भी तरह के प्रिंटेड विषय वस्तु के वितरण और परिसर में किसी भी तरह के प्लेकार्ड लाने पर पाबंदी लगाई जाती रही है। लोकसभा सचिवालय ने स्पष्ट किया है कि यह तमाम निर्देश पहले भी जारी किये जाते रहे हैं।लिहाजा इस पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए और सभी सांसदो को मानकों का पालन करना चाहिए।