नीले आसमान के लिए स्वच्छ वायु के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर वायु प्रदूषण के खिलाफ देशभर की ‘माताओं’ ने छेड़ा अभियान

दिल्ली। देश में आज यानी 7 सितंबर, 2020 को ‘नीले आसमान के लिए प्रथम अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस’ पर पूरे भारत के पर्यावरण के प्रति जागरूक माताओं के एक समूह ने वायु प्रदूषण के खिलाफ अपना अभियान शुरू किया है। इस अभियान का आगाज सोमवार को काशी से ऑनलाइन मंच के माध्यम से हुआ। सांस लेने जैसी बुनियादी आवश्यकता के लिए कोई लड़ाई नहीं होनी चाहिए, लेकिन स्वच्छ हवा में सांस लेने के अपने अधिकार को लेकर लड़ाई लड़ने के लिए ‘वॉरियर मॉम्स’ नाम का एक समूह साथ आया है।

आपको बता दें, नीले आसमान के लिए स्वच्छ वायु के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर डॉ० अरविंद ने कहा कि वॉरियर मॉम्स की शुरूआत हमारे बच्चों के लिए स्वच्छ हवा को संरक्षित करने के हमारे प्रयासों में एक बहुत जरूरी पहल है। अधिकांश भारतीय शहरों में सांस लेना सरल कार्य नहीं हैं और यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ युद्ध करने जैसा है। मैं उम्मीद करता हूँ कि वायु प्रदूषण की लड़ाई में माताओं का यह नेतृत्व देश भर में फैले और सभी हितधारकों एकसाथ लाकर स्वच्छ हवा सुनिश्चित करें।

इसके साथ ही वॉरियर मॉम्स की प्रवक्ता भवरीन ने कहा, ”यह विडंबना है कि कैसे कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन ने वायु प्रदूषण के स्तर को कम किया और सबको एक अवसर दिया कि वे थोड़ा रुककर नीले आसमान और स्वच्छ वायु की सराहना कर सके। यह हमारे लिए एक मौका है कि हम अपनी जीवनशैली के विकल्पों को लेकर चिंतन करें और इसके साथ-साथ सरकार के उन फैसलों पर भी सवाल उठाएं जिसने लॉकडाउन के पहले वायु को इतना दूषित कर दिया था कि वो सांस लेने लायक भी नहीं था।”

वायु प्रदूषण एक अदृश्य हत्यारा है और इसे साबित करने के लिए कई अध्ययन हुए हैं। पिछले साल दिसंबर में ग्लोबल एलायंस ऑन हेल्थ एंड पॉल्युशन ने कहा था कि प्रदूषण से होने वाली मौतों में भारत दुनिया में आगे है। हालांकि, भारत के पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इससे इनकार करते रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में जब देश वायु प्रदूषण के सबसे खराब स्तर का सामना कर रहा था, तब जावड़ेकर ने संसद में दावा किया था कि वायु प्रदूषण और कम होते जीवनकाल के बीच कोई संबंध नहीं है।

सरकार की उदासीनता का एक और स्पष्ट उदाहरण देखें तो सरकार ईआईए अधिसूचना 2020 का मसौदा पारित करने की जल्दी में है। यह मसौदा उद्योगों के पक्ष में पर्यावरण कानूनों को कमजोर करता है और यह वायु प्रदूषण को कम करने में एक बड़ी चुनौती बना सकता है। स्थिति को और बदतर बनाते हुए सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के लक्ष्यों को पूरा करने में बहुत कम प्रगति की है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार महामारी की वजह से देशव्यापी परियोजना प्रभावित हुई है। दूसरे शब्दों में कहें तो उद्योगों और थर्मल पावर प्लांट्स के उत्सर्जन को कम करने में कोई प्रगति नहीं हुई है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से बच्चे, खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चे, पहले से कहीं ज्यादा प्रभावित होते हैं। परिवेशी वायु प्रदूषण (एएपी) के संपर्क में आने से बच्चे के जन्म के समय कम वजन, समय से पहले जन्म और मृत जन्म जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यह न्यूरोडेवलपमेंट और मानसिक विकास में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है और इससे बचपन के कैंसर, फेफड़ों के गंभीर संक्रमण, अस्थमा और यहां तक की मोटापे की समस्या भी खड़ी हो सकती है। यह सूची लंबी और अशुभ है।

इस मौके पर अनुजा ने कहा, ”हमारे बच्चों को साफ हवा में सांस लेने की जरूरत है। यह उनका अधिकार है और माताएं यह सुनिश्चित करेंगी कि उन्हें वह मिले, जिसके वे हकदार हैं। प्रकृति ने हमें दिखाया है कि अगर हम अपनी जीवनशैली और व्यवहार को बदलने की कोशिश करें, तो हम एक स्वच्छ, हरियाली भरे वातावरण में जीवित रह सकते हैं। सबको स्वच्छ हवा मिले इसके लिए हमें और सरकार को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। चीजें अलग तरह से और लगातार की जा सकती हैं। एक हरियाली भरे और साफ-सुथरी दुनिया में कोरोना और वायु प्रदूषण के संकट से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है। और समाज की सबसे मजबूत स्तंभ मांएं निश्चित रूप से बदलाव ला सकती हैं।

आगे चलकर वॉरियर मॉम्स स्वास्थ्य और हमारे बच्चों पर प्रदूषित हवा के प्रभाव पर जागरूकता सत्र के जरिए देशभर की और माताओं से संपर्क करेगा।

इससे पहले पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक वेबिनार को संबोधित कर नीले आसमान के लिए स्वच्छ वायु के पहले अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत एकीकृत वायु प्रदूषण के लिए एकीकृत उपायों पर एक विवरणिका(ब्रोचर) को लॉन्च किया। और कहा इसमें 122 चिन्हित शहरों में शहर विशिष्ट योजना पर जोर दिया गया है। हाथ मिलाएं और वायु प्रदूषण का समाधान करें।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter  and Also Haryana FacebookHaryana Twitter