चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है। नवरात्रि के सातवें दिन मां के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना की जाती है।
मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है। मां के बाल लंबे और बिखरे हुए हैं। मां के गले में माला है जो बिजली की तरह चमकते रहती है। मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। मां के हाथों में खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा है।
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मां कालरात्रि पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को लाल रंग पसंद है।
मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
मां को रोली कुमकुम लगाएं।
मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें।
मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं।
मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती भी करें।
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मां कालरात्रि की पूजा जीवन में आने वाले संकटों से रक्षा करती हैं, मां कालरात्रि शत्रु और दुष्टों का संहार करती हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने से तनाव, अज्ञात भय और बुरी शक्तिओं दूर होता है।
मां कालरात्रि का रंग कृष्ण वर्ण है, कृष्ण वर्ण के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की 4 भुजाएं हैं। पौराणिक कथा के अनुसार असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए दुर्गा मां ने मां कालरात्रि का रूप लिया था।