ओम बिरला ही बने 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष, विपक्ष के प्रत्याशी को मिली हार !

ओम बिरला एक बार फिर लोक सभा अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। सदन में ध्वनि मत से ओम बिरला का चुनाव हुआ है। इस दौरान विपक्ष ने मत विभाजन की मांग नहीं की। वहीं नवनिर्वाचित लोकसभा स्पीकर को पीएम मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बधाई दी और उन्हें आसन पर विराजमान किया।

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संसद में सत्ता पक्ष के तमाम प्रयासों के बावजूद लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से नहीं हो पाया, विपक्ष ने के.सुरेश को मैदान में उतारा लेकिन आंकड़े उनके पक्ष में न होने की वजह से ओम बिरला लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बन गए, हालांकि मतविभाजन की जगह ध्वनि मत से ओम बिरला को स्पीकर चुन लिया गया।

इससे पहले आज सुबह तक सरकार ये प्रयास करती रही की लोक सभा अध्यक्ष का चुनाव सर्व सम्मति से हो जाए, लेकिन ऐसा नही हुआ विपक्ष ने के. सुरेश के लिए मोशन मूव किया। वहीं एनडीए के लिए ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा, जिसका सभी सहयोगी दलों ने समर्थन किया।

इस बीच विपक्ष सदन में रणनीति बदलता हुआ दिखा, पहले ये उम्मीद की जा रही थी कि विपक्ष मत विभाजन की मांग करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ध्वनि मत से ओम बिरला को 18वीं लोकसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। उसके बाद सबसे सुखद तस्वीर देखने को मिली जब पीएम मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ओम बिरला की कुर्सी के पास गये और उनको बधाई दी, इसके बाद ओम बिरला को आसन तक लेकर गये। इस दौरान केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी थे। पीएम मोदी ने इस दौरान ओम बिरला के पिछले कार्यकाल की जमकर तारीफ भी की।

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सदन में दिए अपने बयान में राहुल गांधी ने स्पीकर से सबको साथ लेकर चलने की अपील की। अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेताओ ने निष्कासन की याद दिलाते हुए कहा कि ऐसा दोबारा नही होना चाहिए। वहीं सदन के बाहर दिए बयान में विपक्ष के मत विभाजन की मांग ना करने पर केन्द्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वो डर गये इसलिए मत विभाजन की मांग नहीं की।

दरअसल, विपक्ष द्वारा स्पीकर उम्मीदवार को उतारना एक संकेत था कि इस बार का विपक्ष पहले जैसा नहीं रहा अब वो सरकार को हर मुद्दे पर घेरेगा,राहुल गांधी ने विपक्ष का नेता बनना स्वीकार कर संसद की लड़ाई को और दिलचस्प बना दिया है।

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