Parliament Session: राज्यसभा में जब पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे तो विपक्षी सांसदों ने विरोध किया, नारे लगाए और वॉकआउट किया। सदन के बाहर विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन भी किया।नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि उन्हें सदन में हस्तक्षेप कर बोलने का मौका नही मिला,ये संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।
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वही विपक्ष के वॉकआउट पर सदन में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमें देश का मार्गदर्शन करना है। मैं नेता विपक्ष के आचरण की भर्त्सना करता हूं।देश के 140 करोड़ लोग इससे आहत होंगे। सदन का मतलब है कि सत्ता पक्ष की बात सुनें।हर सदस्य को बोलने का मौका दिया गया।वह अपनी शपथ के खिलाफ गए हैं। मैं इस कुर्सी पर बैठकर इतना दुखी हूं कि भारत के संविधान का इतना बड़ा अपमान और मजाक किया गया है।
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सभापति धनकड़ ने आगे कहा कि भारत का संविधान हाथ में रखने की किताब नहीं है, बल्कि जीने की किताब है। मैं आशा करता हूं कि वो आत्मचिंतन करेंगे।
विपक्ष के वॉकआउट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभापति मैं आपकी वेदना समझ पा रहा हूं। देश के 140 करोड़ देशवासियों ने जो जनादेश दिया है, उसे ये पचा नहीं पा रहे हैं। कल उनकी सारी हरकतें फेल हो गई हैं तो आज उनका लड़ाई लड़ने का हौसला भी नहीं था, इसलिए वो मैदान छोड़कर भाग गए। मैं तो कर्तव्यों से बंधा हुआ हूं। मैं देशवासियों का सेवक हूं।बाद में संसद परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी संसद में विपक्ष के रवैये की आलोचना की।हालांकि संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि विपक्ष के साथ हमारी कोई निजी लड़ाई नहीं है,हम साथ मिलकर चलने की कोशिश करते रहेंगे।