नई दिल्ली (विनय सिंह की रिपोर्ट)– कई स्कूलों द्वारा टीचर्स की सैलरी कोरोना काल में काटे जाने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि स्कूल ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं जिससे उनके खर्चे कम हुए हैं और ऐसे में टीचर की सैलरी नहीं काटी जानी चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में स्कूल के टीचर्स को पूरी सैलरी ना दिए जाने की बात कही गई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन क्लासेस हो रही हैं जिससे स्कूल नहीं खुलने के कारण स्कूल प्रशासन का भी कोई खर्चा नहीं हो रहा है। ऐसे में टीचर्स की सैलरी काटा जाना गलत है।
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याचिकाकर्ता की तरफ से दिल्ली के करीब दो दर्जन से ज्यादा ऐसे स्कूलों की लिस्ट दी गई है जो अपने टीचर्स को पूरी सैलरी नहीं दे रहे हैं। याचिका में ये भी कहा गया है कि टीचर अपना काम कर रहे हैं। ऐसे में जब स्कूल के खर्चे ऑनलाइन क्लासेस की वजह से कम हो गए हैं तो टीचर को पूरी सैलरी देनी चाहिए। याचिका में मांग की गई है की टीचर्स के पुराने एरियर 2 दिनों के भीतर दिए जाएं।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि दिल्ली सरकार के द्वारा तय की गई गाइडलाइंस के मुताबिक प्राइवेट स्कूल फीस ले रहे हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कोरोना के कारण टीचर की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है और वेतन काटे जाने से परिवार को पालने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।