दिल्ली में रेलवे किनारे बसी झुग्गियों पर कार्रवाई के साथ सियासत भी तेज

दिल्ली। (रिपोर्ट- विश्वजीत झा) देश की राजधानी दिल्ली में रेलवे किनारे बसी झुग्गियों को हटाने को लेकर सुप्रीम के आदेश के बाद अब आदेश का पालन भी होना शुरू हो गया है। झुग्गीवाले सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगा रहे हैं। रेलवे किनारे बसी झुग्गियों पर कार्रवाई के साथ अब सियासत भी तेज हो गई है।

आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दिल्ली में रेलवे किनारे बसी झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई तेज हो गई है। झुग्गी वाले सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियां अब एक दूसरे-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सियासी खेल रही हैं।

झुग्गी में रहने वाली रामललिया का कहना है कि वह जंगपुरा के पीछे की झुग्गियों में पिछले 60 सालों से रह रही हैं। बच्चे जवान हो गए और उनकी शादी भी हो गई है। सब कुछ इसी रेल लाइन के किनारे हुआ है। साल 2010 में राजीव रतन आवास योजना के लिए फॉर्म भरे, लेकिन अब तक कोई मकान नहीं मिला। पिछले चुनाव में नेताओं ने झुग्गी के बदले मकान देने का वादा किया था। मकान तो मिले नहीं, अब झुग्गी से भी बेदखल होने का नोटिस आ गया है।

इसके साथ ही झुग्गी में रहने वाली 27 साल की अनीता, 30 साल की पुष्पा का बचपन यहीं बीता। इनके पास बिजली बिल, राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड जैसे तमाम पहचान पत्र हैं। उनको एक हफ्ते में हटने के नोटिस मिला है। अब ये सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि एक हफ्ते में अब कहाँ जाएं। अनीता ने सवाल किया कि केजरीवाल ने कहा और मोदी ने भी कहा मकान देंगे, अब कहाँ चले गए सभी, ऐसा वादा क्यों करते हैं। वहीं पुष्पा ने कहा कि हम कहीं नहीं जाएंगे, यहीं पटरी पर ही जान दे देंगे।

रेलवे लाइन किनारे बसी झुग्गियों पर अलग-अलग पार्टी के नेताओं की राय भी अलग-अलग है। जंगपुरा से विधायक प्रवीण कुमार से जब रेलवे किनारे बसी झुग्गियों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने बीजेपी और रेलवे पर आरोप मढ़ दिए, और अपना पल्ला झाड़ लिया। वहीं, गांधी नगर से बीजेपी विधायक अनिल वाजपेई कहते हैं कि उनके क्षेत्र में कम से कम दो से ढाई हजार झुग्गियां रेलवे लाइन के आसपास हैं। जिस दिन नोटिस आएगा, उस दिन अरविंद केजरीवाल के पास जाकर उनके लिए मकान मांगेंगे।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सरकार को राजीव रतन आवास योजना की याद दिलाई है, जिसके 52,000 फ्लैट बनकर कई सालों से तैयार हैं। आदेश गुप्ता ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार ने पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना को मंजूरी दे दी होती तो आज दिल्ली में यह नौबत ही नहीं आती।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में केशवपुरम इलाके में रेलवे लाइन के किनारे बसी झुग्गियां हटाई गई हैं। जंगपुरा इलाके में झुग्गियों को हटाने का नोटिस दिया गया है। धीरे-धीरे दिल्ली में बाकी और जगह भी नोटिस जाना शुरू हो जाएगा। हालांकि सरकार की ओर से अभी भी यह तस्वीर साफ नहीं है कि इन झुग्गीवालों को सरकार कहां बसाने जा रही है।

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