लॉकडाउन की साफ हवा फिर बन गई है ‘जहर’, बद से बदतर होता प्रदूषण का हाल

नई दिल्ली: दुनियाभर में फैल चुका कोरोना अपने साथ बुरा वक्त लेकर आया..इसके साथ लोगों ने अपनी जिंदगी में बहुत उतार चढ़ाव देखें। लॉकडाउन में खुद को घर में महीनों कैद रखा लेकिन इसी लॉकडाउन ने एक अच्छी चीज दिल्ली एनसीआर में रह रहे लोगों को दी और वो थी साफ हवा।

वैसे तो लॉकडाउन के दौर पूरे देश की हवा साफ हुई …लेकिन दिल्ली एनसीआर वालों ने इस साफ हवा में सांस लेने में एक अलग ही खुशी महसूस की थी क्योंकि सबसे ज्यादा प्रदूषण का सामने यही लोग करते हैं…लेकिन जैसे जैसे लॉकडाउन हटता गया और वाहन सड़कों पर दौड़ने लगे वैसे वैसे हवा में जहर घुलता चला गया है और आज ये हालत है कि यहां सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी है।

दिल्ली में बिगड़ते हालात !

हालात ये हैं कि डॉक्टर्स ये सलाह दे रहे हैं कि अगर आज आप घरों से बाहर जा रहे हैं तो पूरी एहतियात बरतने की जरूरत है क्योंकि दिल्ली के कुछ इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब हो चुका है। वायु प्रदूषण का सबसे खतरनाक हाल आनंद विहार, विवेक विहार और वज़ीरपुर में है। यहां लोग सांस लेने में परेशानी महसूस कर रहे हैं।

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वहीं अगर पूरी दिल्ली की भी बात करें तो हवा बेहद खराब कैटेगरी में पहुंच चुकी है। टैंकरों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन फिर भी ज़्यादातर इलाकों में AQI का लेवल 300 को पार कर चुका है। दिल्ली के दूसरे इलाकों का हाल भी कोई अच्छा नहीं है. आंकड़ा 300 के पार है. कुछ ही इलाके हैं जहां आंकड़ा 300 के अंदर है।

पंजाब में पराली पर सख्ती !

उधर पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में भी लगातार इजाफा हो रहा है..जिससे दिल्ली एनसीआर की हवा खराब हो रही है… पंजाब में इस साल पराली जलाने के 8 हजार 55 केस सामने आ चुके हैं जो पिछले साल के मुकाबले 43 फीसदी ज्यादा है. अधिकारी मान रहे है कि इस बार धान की फसल जल्दी होने से पराली के केस ज्यादा बढ़ गए हैं. अबतक 1 हजार 124 मामलों में सरकार ने 31 लाख 22 हजार का जुर्माना ठोका है. जबकि 1 हजार 82 केस जांच के दायरे में हैं। फिर भी ये घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही।

लेकिन कैसे भी हो ये रोकना पड़ेगा..ना केवल पराली बल्कि प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हर कारक को कम करना होगा नहीं तो हालात बद से बदतर होते जाएंगे…नहीं तो 2019 की कहानी फिर दोहरा दी जाएगी जिसमें भारत में 2019 में वायु प्रदूषण से 16.7 लाख लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से 1 लाख से अधिक की उम्र 1 महीने से कम थी…ये सर्वे अमेरिका के एक गैर सरकारी संगठन की तरफ से कराया गया था और वायु प्रदूषण का दुनिया पर असर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया कि भारत में स्वास्थ्य पर सबसे बड़ा खतरा वायु प्रदूषण है !!!

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