नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): केंद्रीय चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति के लिए चुनाव की तारीख का एलान कर दिया है। दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 29 जून तक नॉमिनेशन किए जा सकेंगे। 18 जुलाई को चुनाव होंगे और 21 जुलाई को रिजल्ट का ऐलान किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का एलान कर दिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, देश के सर्वोच्च पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए अधिसूचना 15 जून को जारी की जाएगी। नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून तय की गई है। नामांकन पत्रों की जांच 30 जून को निर्धारित की गई है। उम्मीदवार अपना नामांकन दो जुलाई तक वापस ले सकेंगे। वहीं, राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा, जिसके नतीजे तीन दिन बाद यानी 21 जुलाई को आएंगे।
चुनाव आयोग ने कहा कि वोट देने के लिए विशेष इंक वाला पेन मुहैया कराया जाएगा। वोटरों को एक, दो, तीन लिखकर पसंद बतानी होगी। पहली पसंद नहीं बताने पर वोट रद्द हो जाएगा। राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत 12 राज्यसभा सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालते हैं। वहीं, 543 सदस्यों वाली लोकसभा में अभी 540 सांसद हैं।
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तीन सीटें खाली हैं। इन पर भी चुनाव की प्रक्रिया जारी है। मतलब साफ है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की सभी खाली सीटों पर उपचुनाव हो जाएंगे। चुने गए सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालेंगे।चुनाव आयोग ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल व्हिप जारी नहीं कर सकता हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई तक है। यानी 24 जुलाई के पूर्व निर्वाचन प्रक्रिया पूरी करनी होगी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दिल्ली में ही हो पाएगा।दिल्ली के अलावा कहीं और जगह नॉमिनेशन नहीं होगा।चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रपति के लिए चुनाव की प्रक्रिया 24 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक नामित मेंमर्स लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों की असेंबली ये वोटिंग के पार्ट का हिस्सा नहीं हैं। वोट देने के लिए आयोग अपनी तरफ से पेन देगा, जोकि मतपत्र सौंपते वक्त दिया जाएगा। इसी पेन से ही वोट डाला जाएगा।अन्य किसी पेन से वोट डालने पर मत अवैध करार दिया जाएगा। निष्पक्ष चुनाव के सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह पूर्णत: सीक्रेट बैलेट है. पेन की व्यवस्था है। वीडियोग्राफी की भी व्यवस्था की गई है।
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चुनावों के दौरान कोरोना नियमों का पालन किया जाएगा। राज्यसभा के महासचिव चुनाव प्रभारी होंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव 2022 में कुल 4,809 मतदाता मतदान करेंगे।
राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों के चुनावी कॉलेज के सदस्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी समेत सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया जाता है।चुनावी कॉलेज में राज्यसभा या लोकसभा या विधानसभाओं के नामांकित सदस्य मतदान के योग्य नहीं होते हैं और वे चुनाव में भाग नहीं लेते हैं।इसी तरह विधान परिषदों के नामित सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं के तौर पर शामिल नहीं होते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में एकल हस्तांतरणीय मत यानी सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली के जरिए मतदान होता है राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा का राष्ट्रपति चुनाव में एकल हस्तांतरणीय मत यानी सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली के जरिए मतदान होता है. इसका मतलब यह हुआ कि राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा का एक सदस्य एक ही वोट कर सकता है।