President Election: NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को शिवसेना करेगी समर्थन, कल जारी हो सकता है समर्थन पत्र

नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद संकट का सामना कर रही शिवसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला किया है। हालांकि, पार्टी के सीनियर नेता संजय राउत ने कहा है कि इसका मतलब बीजेपी का समर्थन करना नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला ले लिया है। पार्टी इस पर जल्द ही आधिकारिक बयान जारी करेगी।

पार्टी के सीनियर नेता संजय राउत ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसका मतलब बीजेपी का समर्थन करना नहीं है। हम आदिवासी नेता के नाम पर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा जनभावना का ख्याल रखते हुए भी यह फैसला लिया गया है। शिवसेना नेता संजय राउत के मुताबिक द्रौपदी मुर्मू का समर्थन शिवसेना इसलिए कर रही है क्योंकि जनभावना उनके साथ है। इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को लेकर कहा कि हमारी सद्भावना उनके साथ है।

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इससे पहले विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर जब मीटिंग हुई थी, तब उसमें शिवसेना ने भी हिस्सा लिया था। लेकिन अब उसका रुख विपक्षी एकता को भी एक झटके जैसा है। संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कल हुई सांसदों की मीटिंग में कहा कि देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अलग-अलग मत हैं, लेकिन द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी कैंडिडेट हैं।संजय राउत ने कहा कि यह देखना अहम है कि जनभावना क्या है।

यह पहला मौका नहीं है, जब शिवसेना ने अपने गठबंधन से इतर उम्मीदवार का समर्थन किया है। इससे पहले 2007 में भी उसने एनडीए में रहते हुए यूपीए की कैंडिडेट प्रतिभा पाटिल को समर्थन दिया था। तब उसने मराठी नेता के नाम पर प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। इसके बाद 2012 में उसने प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। अब वह महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी के साथ अघाड़ी गठबंधन में है तो उसने एनडीए कैंडिडेट के समर्थन का ऐलान किया है।

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दरअसल, महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद अपने सांसदों के दबाव में शिवसेना ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर अपना रुख बदला है। उद्धव ठाकरे ने कल सांसदों की मीटिंग बुलाई थी। इसमें 19 लोकसभा सांसदों में से 12 ही पहुंचे थे और 7 गायब थे। यही नहीं मीटिंग में शामिल सांसदों ने भी ठाकरे पर दबाव बनाया था कि पार्टी को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए। इस पर उद्धव ठाकरे ने विचार करने की बात कही थी। अब संजय राउत के बयान से साफ है कि पार्टी बचाने के लिए शिवसेना को अपने रुख में तब्दीली लानी पड़ी है।

पार्टी के 55 में से 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ चले गए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में सांसदों के भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में होने की बात कही जा रही है।पिछले हफ्ते पार्टी सांसद राहुल शेवाले और राजेंद्र गावित ने ठाकरे को पत्र लिखकर मुर्मू को समर्थन देने का अनुरोध किया था।अब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर NDA द्वारा बुलाई गई बैठक में शिरकत करने एकनाथ शिंदे गुट से दीपक केसरकर दिल्ली आ रहे है।

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