चंडीगढ़: हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में दवाओं और उपकरणों की खरीद के दौरान करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए ईडी से जांच करवाने की अपील पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने ईडी और विजिलेंस ब्यूरो को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जगविंदर सिंह कुल्हरिया ने एडवोकेट प्रदीप रापड़िया के माध्यम से याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में दवा खरीद के दौरान बड़ा घोटाला हुआ था।
इसकी जानकारी 2018 में आरटीआई से प्राप्त हुई थी और तब दुष्यंत चौटाला ने सीबीआई जांच और कैग से ऑडिट कराने की मांग की थी।
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार तीन साल में राज्य सरकार द्वारा करोड़ की दवाएं और उपकरण खरीदे गए। याची का आरोप है कि यह उपकरण और दवाएं बाजार के भाव से कहीं अधिक मूल्य पर खरीदे गए थे।
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याची ने कहा कि चौटाला ने तब मुद्दा जोर शोर से उठाया था, लेकिन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद वह मुद्दा ही भूल गए।
याची ने बताया कि हिसार की एक दवा कंपनी जिस पते पर दर्ज है, वहां कोई कंपनी नहीं बल्कि धोबी बैठा है। हिसार और फतेहाबाद के सामान्य अस्पतालों में चिकित्सा उपकरण सप्लाई करने वाली फर्म का मालिक नकली सिक्के बनाने के आरोप में तिहाड़ जेल में था।
बात यह है कि उसने जेल से ही टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया और स्वास्थ्य विभाग के कर्मी ने उसके झूठे हस्ताक्षर किए।याचिकाकर्ता ने पहले इसी मांग को लेकर हाईकोर्ट में सामान्य याचिका दायर की थी।
तब जस्टिस ऋतू बाहरी की खंडपीठ ने इस मामले को बेहद गंभीर और व्यापक जनहित का मानते हुए इसे जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई का आदेश देते हुए मुख्य न्यायाधीश बेंच के समक्ष भेज दिया था।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश ने याचिका पर सुनवाई करते हुए विजिलेंस ब्यूरो सहित ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
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