प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – भारत और नेपाल के बीच 8 साल बाद रेल सेवा एक बार फिर से शुरू हो गई है। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रेल सेवा का उद्घाटन किया। ये रेल सेवा बिहार के जयनगर से नेपाल के जनकपुर होते हुए कुर्था तक जाएगी। 3 अप्रैल से आम यात्री भी यात्रा का लुत्फ उठा सकेंगे।
इस रेल यात्रा में जयनगर से कुर्था की यात्रा के बीच कुल 9 स्टॉप पड़ेंगे। बिहार के जयनगर से ट्रेन चलने के बाद इनरवा रुकेगी और फिर अगला स्टेशन खजुरी पड़ेगा। खजुरी से महिनाथपुर, महिनाथपुर से वैदही, वैदही से परवाहा, परवाहा से जनकपुर और जनकपुर से कुर्था के रूट पर ट्रेन का संचालन होगा।
2014 से जयनगर-जनकपुर के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद है। 2014 तक नेपाली नैरो गेज ट्रेन चली, लेकिन ट्रेनों का सफर काफी लंबा होने की वजह से कोयले की खपत ज्यादा होती थी। कोयले से चलने वाली ट्रेन काफी छोटी होती थी। इसकी वजह से लोग खिड़की और दरवाजों पर लटक कर सफर करते थे। ऐसे ही कई कारणों की वजह से ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था।
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भारत-नेपाल के बीच बनी इस नई रेलवे लाइन के निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए की लागत आई है। जहां जयनगर से बीजलपुरा और बर्दिबास तक 69.08 किलोमीटर परियोजना के अंर्तगत पहले चरण में करीब 34.9 किलोमीटर लंबी जयनगर से जनकपुरधाम-कुर्था रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन शुरू हो रहा है। कुर्था से बिजलपुरा तक लगभग 18 किलोमीटर लंबे रेलखंड का भी कार्य पूरा हो चुका है। जबकि नेपाल सरकार बिजलपुरा से बर्दिबास तक 16 किलोमीटर की रेलवे लाइन जल्द ही करवा देगी
इस ट्रेन सेवा के शुरू होने पर ट्रेन में सिर्फ भारतीय व नेपाली यात्री ही सफर कर पाएंगे। दूसरे देशों के यात्रियों को इस ट्रेन में अभी सफर करने की अनुमति नहीं दी गई है। ट्रेन यात्रियों को अपने साथ पासपोर्ट रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन उन्हें फोटोयुक्त वैध पहचान पत्र साथ रखना होगा। यात्रियों के लिए पहचान पत्रों में से कोई एक फोटो युक्त पहचान पत्र रखना अनिवार्य है।