राजस्थान में, चल रहे राजनीतिक संकट के बीच राज्य की विधानसभा में सत्र आज से शुरू होने वाला है। माना जा रहा है कि हाल में राजस्थान में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद विधानसभा का सत्र हंगामेदार हो सकता है। सत्र से पहले, बीजेपी और कांग्रेस ने कल जयपुर में विधानमंडल दल की बैठकें कीं। अलग-अलग बैठकों के दौरान, दोनों दलों ने आज के सत्र के लिए अपनी रणनीति पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कांग्रेस नेता सचिन पायलट के साथ 18 अन्य दल भी शामिल हुए थे जिन्होंने पिछले महीने मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत की थी।
बीजेपी ने राज्य विधानसभा में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
वहीं बीएसपी ने भी अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। व्हिप के मुताबिक सभी बीएसपी विधायकों को कहा गया है कि वो विश्वास मत के दौरान कांग्रेस के खिलाफ वोट करें जिससे कांग्रेस की गहलोत सरकार पर दबाव बढ़े। इसके साथ ही ऐसा ना करने वाले विधायकों पर पार्टी की ओर से कार्रवाई की बात भी कही गई है।
दरअसल, राजस्थान विधानसभा में बहुमत के लिए किसी भी दल को 125 विधायकों के वोट की जरूरत है और फिलहाल कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में 100 सीटें जीती थीं। इसके बाद उपचुनाव में कांग्रेस ने 1 और सीट जीती थी और बाद में बीएसपी के भी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे जिसके बाद कांग्रेस के विधायकों की संख्या 107 मानी जा रही है। इनके अलावा बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और सहयोगी आरएलपी के भी 3 विधायक जोड़ लिये जाए तो बीजेपी के पास 75 विधायकों का बल है। वहीं विधानसभा में 13 निर्दलीय, 2 बीटीपी, 2 सीपीएम और एक आरएलडी का विधायक है।
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