राजीव गांधी किसान न्याय योजना- 19 लाख किसानों को भुगतान, सोनिया गांधी और राहुल गांधी होंगे शामिल

रायपुर (नीरज तिवारी की रिपोर्ट) – छत्तीसगढ़ में राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदेश के किसानों, वनवासियों और गोबर बिक्रेताओं को 1737.50 करोड़ की राशि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 19 लाख किसानों के खाते में भेजेंगे। इसके साथ ही 11.46 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को 232.81 करोड़ रूपए का प्रोत्साहन पारिश्रमिक मिलेगा। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं को सरकार 4 करोड़ 50 लाख रूपए का दूसरा भुगतान भी करेगी। कार्यक्रम में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे।
इस योजना में 20 जुलाई से 15 अगस्त तक 6 करोड़ 17 लाख रूपए मूल्य का 3 लाख क्विंटल से ज्यादा गोबर खरीदा जा चुका है। गोधन न्याय योजना का पहला भुगतान 5 अगस्त को एक करोड़ 65 लाख रूपए का किया जा चुका है। इस योजना के तहत 2 अगस्त से 15 अगस्त तक खरीदे गए सवा दो लाख क्विंटल गोबर की राशि 4 करोड़ 50 लाख रूपए का भुगतान विक्रेताओं को उनके खातों में किया जाएगा। प्रदेश के 4377 गौठानों में से 3205 क्रियाशील गौठान हैं, जहां गोबर खरीदी हो रही है।

Also Read- Corona से जुड़ी देशभर की अपडेट के लिए देखिए टोटल टीवी का WhatsApp Bulletin

बता दें कि राज्य में 1 लाख 1919 पशुपालकों का पंजीयन किया गया है, इनमें से 63 हजार 942 पशुपालक योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। खरीदे गए गोबर से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जा रही है, जिसकी बिक्री 8 रुपए प्रति किलो की दर पर सहकारी समिति के माध्यम से की जाएगी। इस अवसर पर प्रदेश के 114 विकासखण्डों के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2018 सीजन में 728 समितियों के 11 लाख 46 हजार 626 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 232 करोड़ 81 लाख रूपए की प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि वितरित की जाएगी। मुख्यमंत्री यह राशि सीधे तेंदूपत्ता संग्राहकों के खाते में आर.टी.जी.एस. के जरिए अंतरित करेंगे।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक वितरित करने के लिए संबंधित जिलों में जिला स्तर पर और 114 विकासखण्डों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विकाखण्ड स्तर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में अधिकतम प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि प्राप्त करने वाले 10 संग्राहक सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा। गौरतलब है कि तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2018 सीजन में प्रदेश की 880 प्राथमिक वन समितियों द्वारा कुल 14.85 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया था।

Also Read- छत्तीसगढ़ में हुआ कोरोना ब्लास्ट, एक दिन में सामने आए 701 मरीज

संग्रहण पारिश्रमिक की दर वर्ष 2018 में 2500 रूपए प्रति मानक बोरा थी। वर्ष 2018 में 11 लाख 98 हजार 673 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 371.15 करोड़ रूपए की राशि संग्रहण पारिश्रमिक के रूप में वितरित की गई थी। इन 880 समितियों में से 854 समितियों के तेंदूपत्ता का निर्वर्तन निविदा के माध्यम से किया गया है। इनमें से 728 समितियां लाभ की स्थिति में रहीं। तेंदूपत्ता व्यापार से शुद्ध लाभ की 80 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरण करने का प्रावधान राज्य शासन की नीति में है।
लाभ की स्थिति वाले 728 समितियों के 11 लाख 46 हजार 626 तेंदूपत्ता संग्राहकों को कुल 232.81 करोड़ रूपए की राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में वितरित की जाएगी। ये समितियां प्रदेश के 114 विकासखण्डों के अंतर्गत स्थित है। जिन संग्राहकों के बैंक खातों का विवरण प्राप्त हो गया है, उनके खाते में यह राशि सीधे एक्सिस बैंक के माध्यम से आर.टी.जी.एस से भेजी जाएगी। प्रदेश में तेंदूपत्ता का संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा किया गया है, इसी प्रकार पर 7 के स्थान पर 31 लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गयी है।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter  and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *