लंबित पड़ी मांगो व निजीकरण के विरोध में रोडवेज कर्मचारियों ने किया सांकेतिक धरना प्रदर्शन

गोहाना (सुनील जिंदल): हरियाणा सरकार रोडवेज के बेड़े में 550 इलेक्ट्रिक एसी बसे ‘किलोमीटर स्कीम’ के तहत शामिल करने जा रही है। तो वहीं रोडवेज कर्मचारी निजीकरण को बढ़ावा देने की सरकार की योजना का खुलकर विरोध कर रहे है। इसी के चलते आज गोहाना बस स्टेण्ड पर रोडवेज कर्मचारियों ने साँझा मोर्चा के आह्वान पर कर्मचारियों ने हाथो पर काली पट्टी बांधकर दो घंटे का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारे बाजी करते हुए सरकार पर वादा खिलाफी और निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। रोडवेज कर्मचारियों ने कहा की अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो आने वाले चार सितम्बर को करनाल में होने वाले राज्यस्तरीय सम्मेलन मे सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई की घोषणा का ऐलान किया जायेगा। रोडवेज कर्मचारियों की दो घंटे की हड़ताल के चलते रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रोडवेज कर्मचारियों ने कहा सरकार जनता की मांग को दरकिनार करते हुए लगातार जनता और विभाग विरोधी फैसले ले रही है। प्रदेश की जनता हमेशा से ही रोडवेज के बेड़े में सरकारी बसों की मांग करती आ रही है, लेकिन सरकार लगातार रोडवेज के बेड़े में ‘किलोमीटर स्कीम’ के तहत बसों को शामिल कर रोडवेज को निजीकरण की ओर बढ़ावा दे रही है। जिस का रोडवेज कर्मचारी जमकर विरोध करते आ रहे है। रोडवेज कर्मचारियों ने कहा सरकार दवारा ”किलोमीटर स्किम’ के तहत बसों के चालक पूरी तरहे प्रशिक्षित नहीं होते। जिसके चलते आए दिन दुर्घटनाएं भी बढ़ रही है। इसका खामियाजा बसों में सफर करने वाले यात्रियों व् आम जनता को उठाना पड़ रहा है। सरकार अब जो 550 इलेक्ट्रिक एसी बसे किलोमीटर स्कीम के तहत शामिल करने जा रही है, उनमे आम आदमी सफर नहीं कर सकता और लोकल रूटों पर इन बसों को नहीं चलाया जा सकता।

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इतना ही नहीं एक एक बस की कीमत भी करोड़ो में है। सरकार को चाहिए की इनकी बजाय सरकार रोडवेज के बेड़े में नई बसों को शामिल कर जल्द कर्मचारियों की नई भर्तियां करे, ताकि घटते रोडवेज के बेड़े को बचाया जा सके। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो कर्मचारी आने वाली चार सितम्बर को करनाल में एक राज्यस्तरीय सम्मेलन कर सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई का ऐलान किया जायेगा। गौरतलब है की इससे पहले भी रोडवेज कर्मचारियों ने 2018 में कई दिनों की हड़ताल किया था। रोडवेज कर्मचारियों की सरकार से मांग है रोडवेज की पक्की भर्ती की जाए, कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए तथा रोडवेज के बेड़े में नई बसे शामिल की जाने की मांग है।

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