सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को घोगा ड्रेन में बने प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और बवाना में बन रही सन्नोठ झील का मुआयना किया। जैन ने घोगा ड्रेन के प्राकृतिक एसटीपी की क्षमता को 10 लाख लीटर से बढ़ाकर 50 लाख लीटर प्रतिदिन करने के निर्देश दिए।
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बढ़ाई जाएगी घोघा ड्रेन एसटीपी कि क्षमता
घोगा ड्रेन में प्राकृतिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट वेटलैंड प्रणाली पर आधारित है और बिना बिजली के प्रतिदिन 10 लाख लीटर गंदे पानी को साफ करता जैन ने कहा एसटीपी की क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 50 लाख लीटर प्रतिदिन की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि रिसाइकल किये गए पानी का उपयोग नजदीक के क्षेत्र में एक झील बनाकर भूजल को रिचार्ज करने के लिए किया जाएगा।
दिसंबर 2021 तक तैयार होगा सन्नोठ झील
सत्येंद्र जैन ने बवाना में सन्नोठ झील का भी दौरा किया। इस झील को दिल्ली सरकार आधुनिक तकनीकों के साथ पुनर्जीवित कर रही है। जिसे दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जैन ने सनोथ झील की जल संचय क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि इस झील के माध्यम से भूजल को रिचार्ज किया जा सके। बवाना कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट से करीब 3 एमजीडी पानी को रिसाइकल करके सनोथ झील को जीवंत करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
6 एकड़ में फैली झील बवाना के सन्नोठ गांव में स्थित है। इस झील में बच्चों के लिए खेल का मैदान, पिकनिक गार्डन, पैदल मार्ग, छठ पूजा घाट और जिम जैसी सुविधाएं बनाई जा रही है। झील के चारों ओर नीम, सेमल, चंपा, और बबूल जैसे कई तरह के पेड़ भी लगा रही है। झील के बनने से न केवल भूजल को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी बल्कि इस क्षेत्र में एक ‘इकोसिस्टम’ का भी निर्माण होगा। इससे पहले, रजोकरी झील और संजय वन झील को दिल्ली सरकार पुनर्जीवित कर चुकी है।