दिल्ली(अनमोल कुमार सैन)। दिल्ली में सोमवार के दिन स्कूल कैब चालकों के द्वारा हड़ताल की गई, जिसके चलते बच्चों और उनके पेरेंट्स को भी स्कूल पहुँचने में परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूल ट्रांसपोर्ट एकता एसोसिएशन के द्वारा ये हड़ताल परिवहन विभाग द्वारा वाहनों पर भारी जुर्माना लगाए जाने के विरोध में की गई है।
कैब चालकों के द्वारा की गयी इस हड़ताल में सोमवार सुबह से ही कई कैब चालक अलग अलग स्कूलों के बाहर हाथ मे बैनर, पोस्टर लेकर विरोध जताते हुए नजर आए, इस दौरान छोटी गाड़ियों को चालको ने बिल्कुल भी नही चलाया, जिसके चलते लाखो छात्रों को निजी वाहनों का सहारा लेकर स्कूल पहुँचना पड़ा, वहीं बच्चो को स्कूल छोड़ने आ रहे पेरेंट्स भी परेशान नजर आए। पेरेंट्स का मानना था कि सुबह के समय में किसी को जल्दी ऑफिस जाना होता है तो कई बहुत जरूरी काम भी होते हैं ऐसे में सबसे बड़ा सहारा ये कैब ही होती है लेकिन अब इनकी हड़ताल से काफी परेशानी आ गई है।
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कैब चालकों के विरोध की वजह है कि परिवहन विभाग द्वारा स्कूल कैब व स्कूलों में पंजीकृत अन्य वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है जिससे काफी परेशानी कैब चालको को ही आ रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रामचंद्र पहल ने बताया कि परिवहन विभाग ने 2017 के बाद न तो किसी स्कूल कैब को व्यावसायिक रूप में पंजीकृत किया है और न ही निजी वाहनों को स्कूल कैब के तौर पर मान्यता दी है। इसके साथ ही इन सभी वाहनों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है और उनको जब्त भी किया जा रहा है, इसलिए ये हड़ताल की जा रही है, ताकि सरकार स्कूल ट्रांसपोर्ट के लिए वाहनों को पंजीकृत करने की अनुमति दे। अगर सरकार नहीं मानती है तो आगे अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर भी विचार कर रहे हैं।
एसोसिएशन का मानना है कि हड़ताल को अभी भारतीय किसान यूनियन, ऑटो-टैक्सी यूनियन का और कैब चालक सेना का समर्थन मिल रहा है। हालांकि सोमवार को कैब चालकों की हड़ताल को लेकर स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को फोन पर मैसेज भेजकर उन्हें अपने निजी वाहन से बच्चों को स्कूल छोड़ने की जानकारी पहले ही दे दी थी, जिसके चलते सभी पेरेंट्स अपने अपने बच्चो को लेकर स्कूल पहुँचे।