Sebi ने शेयर ब्रोकिंग में धोखाध़ड़ी रोकने के लिए इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म बनाने के लिए कहा

 SEBI : सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने सिक्योरिटीज मार्केट में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए शेयर ब्रोकिंग कंपनियों को धोखाधड़ी यानी बाजार के दुरुपयोग को रोकने और उसका पता लगाने के लिए एक इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म बनाने के लिए कहा है।सेबी ने गुरुवार को एक सरकुलर में ब्रोकिंग कंपनियों के लिए कारोबारी गतिविधियों और इंटरनल कंट्रोल की निगरानी के लिए सिस्टम लागू करने और व्हिसल-ब्लोअर नीति की शुरुआत को अनिवार्य कर दिया है।

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ये सभी प्रावधान सेबी (शेयर ब्रोकर) (संशोधन) विनियम, 2024 का हिस्सा हैं, जिसका मकसद बाजार की अखंडता और निवेशक सुरक्षा के हाई स्टेंडर्ड को पक्का करना है। रेगूलेटर ने सरकुलर में कहा है कि ऑपरेशनों के तौर-तरीकों और इसके एग्जीक्यूशन संबंधी मानकों को ब्रोकर इंडस्ट्री स्टेंडर्ड फोरम (आईएसएफ) सेबी के काउंसलिंग से तैयार करेगा। स्टैंडर्ड का एक्जीक्यूशन शेयर ब्रोकर के साइझ पर निर्भर करेगा।

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SEBI ने दी ये जानकारी- 50,000 से ज्यादा सक्रिय यूनिक कस्टमर कोड (यूसीसी) वाले ब्रोकर के लिए एक जनवरी, 2025 तक इसका अनुपालन करना जरूरी है। इसके अलावा 2,001 से लेकर 50,000 तक सक्रिय यूसीसी वाले ब्रोकर को एक अप्रैल, 2025 तक इसका अनुपालन करना होगा। वहीं 2,000 तक सक्रिय यूसीसी वाले ब्रोकरों को एक अप्रैल, 2026 तक इसका अनुपालन करना होगा।SEBI ने 27 जून को जारी अधिसूचना में शेयर ब्रोकर को कहा है कि उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता लगने के 48 घंटे के भीतर उसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंजेज को देनी होगी।

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