Sleep Cycle: क्या है स्लीप साइकिल? जानें कैसे 4 घंटे में ही पूरी हो जाती है 8 घंटे की नींद

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Sleep Cycle: स्वस्थ जीवन जीने के लिए नींद पूरी होना बेहद जरुरी होता है। लेकिन आज अच्छी नींद आना एक हर किसी के लिए समस्या बन गया है। खराब जीवनशैली, फोन की लत और धूम्रपान ने जागने और सोने की आदतों को बदतर बना दिया है। कई बीमारियों का कारण भी नींद की कमी ही है। इसका परिणाम मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारी और खराब मानसिक स्वास्थ्य हो सकता है। आजकल के सोशल मीडिया के युग में नींद की कमी एक बीमारी बन गई है। इसके पिछे की मुख्य वजह क्या है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए, आइए जानते हैं।

कितने घंटे में होती है नींद पूरी?- अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार एक स्वस्थ इंसान को एक दिन में कम से कम 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इसका पालन तो ज्यादातर लोग करने की कोशिश करते हैं लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है। होता ये है कि कुछ लोगों की 8 घंटे सोने के बाद भी नींद पूरा होने का अहसास नहीं होता है और किसी की नींद 4 घंटे में ही पूरी हो जाती है। जिन लोगों को ज्यादा सोने की आदत होती है उन्हें कम सोने वालों पर जल्दी विश्वास नहीं होता है कि उनकी नींद इतनी जल्दी पूरी हो गई है। लेकिन ऐसा पॉसिबल हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार हर इंसान सोने के स्टेज को 3 भाग में बांटा गया है।

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अध्ययन के अनुसार जो लोग 4 घंटे सोने के बाद भी अच्छा महसूस करते हैं वो डीप स्लीपर होते हैं। लेकिन वहीं जिन लोगों की 8 घंटे सोने के बाद भी नींद पूरी नहीं होती है वो लाइट स्लीपर होते हैं। स्लीप साइकिल कैसे वर्क करता है आइए जानते हैं।

Deep and Light Sleep

यह व्यक्ति की गहरी नींद या डीप स्लीप में कितने समय सोने पर निर्भर करता है। जिन लोगों को अधिक गहरी नींद आती है, उनके लिए चार घंटे सोना पर्याप्त है, वो डीप स्लीपर हैं। जो लोग हल्की नींद में सोते हैं, वे 7 से 8 घंटे सोने के बाद भी नींद पूरा न होना फील करते हैं, ये लाइट स्लीपर होते है। स्लीप साइकिल का अर्थ होता है पूरा नींद चक्र। इसमें जागने और सोने के कई चरण हैं। यह हल्की नींद से शुरू होता है।

First Stage – इस स्टेज की शुरुआत बिस्तर पर सोने के बाद होती है। इसमें आंखों की पुतलियां चलती हैं और नींद कच्ची रहती है। इस बिंदु पर ब्रेन निष्क्रिय होता है। इस स्टेज का समय हर व्यक्ति में अलग हो सकता है। 2 घंटे के बाद, शरीर आमतौर पर इस स्टेज से बाहर निकलने के लिए तैयार हो जाता है। इस दौरान आंखों की गति धीमी होने लगती है और दिल की धड़कन भी सामान्य होने लगती है। यहीं से दूसरी कक्षा शुरू होती है।

Second Stage- दूसरी स्तर गहरी नींद होती है। इससे दिमाग शांत रहता है और नींद गहरी होती है। ज्यादा समय तक डीप स्लीप में रहने वाले लोग कम घंटे सोने के बावजूद भी पूरी तरह से सोया हुआ महसूस करते हैं और स्वस्थ रहते हैं। इस स्टेज में नींद में कोई बाधा नहीं रहती है। इस समय कोई सपना नहीं आता है।

Last Stage- यह REM SLEEP की अंतिम स्टेज है। इस स्टेज में नींद का चरण समाप्त हो जाता है। इसमें व्यक्ति सपने देखता है। यह दो घंटे तक चल सकता है क्योंकि आंखों की पुतलियां सपने में घूमती रहती हैं।

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एक्पर्ट्स के अनुसार आरईएम, हल्दी नींद और गहरी नींद तीनों स्टेज का समय हर व्यक्ति में अलग हो सकता है। लाइट स्लीप में अधिक समय रहने वाले लोग 7 से 8 घंटे सोने के बाद नींद पूरी करते हैं, जबकि डीप स्लीप में रहने वाले लोग 4 घंटे सोने के बाद ही वो अच्छा फील करते हैं। तीसरी स्टेज (REM) में ज्यादा रहने वाले लोग आठ घंटे सोने के बाद भी कभी-कभी नींद पूरी नहीं होती है।

क्या होता है Sleep Cycle? 

नींद को समझने के लिए आपको अपनी स्लीप साइकिल जानना बेहद जरुरी हो जाता है। रात को 10 से 11 बजे सोने के बाद आपकी आंखें 6 बजे खुलती हैं, तो आप नींद से जाग चुके हैं। ऐसे में आपको फिर से सोना नहीं चाहिए। ये करने से आपका शरीर फिर से दूसरी स्लीप साइकिल में जाने लगता है। इस दौरान अगर आप फिर से 8 या 9 बजे उठते हैं तो आपकी नींद खराब हो जाती है। यही कारण है कि कुछ लोग 8 से 9 घंटे तक सोकर भी अच्छा महसूस नहीं करते हैं।

कारण- जिन लोगों को ज्यादा सोने के बाद बी नींद की समस्या महसूस होती है, उन्हें ऐसा डिप्रेशन की समस्या के वजह से भी हो सकता है। ज्यादा सोचना, एंग्जाइटी महसूस करना या शराब का ज्यादा सेवन करना। इसके अलावा जिन लोगों को सोने के दौरान खरार्टे लेने की आदत होती है उन्हें भी ऐसी समस्या हो सकती है। इसके साथ जिन लोगों को मानसिक तनाव होता है या फिर कोई मेंटल हेल्थ समस्या होती है उन्हें भी ज्यादा सोने के बाद भी नींद न पूरी होने की समस्या का सामना करना पड़ता है।

उपाय- अपनी नींद पूरी करने और स्लीप साइकिल को बेहतर बनाने के लिए आपको हर दिन समय पर सोने की आदत डालनी होगी। सुबह उठने के बाद थोड़ी देर और प्रत्येक दिन व्यायाम करना चाहिए। रात को सोते समय कोशिश करना चाहिए कि आरामदायक गद्दे और तकिए का ही इस्तेमाल करें। रात को शराब, चाय या कॉफी न पिएं। इसके अलावा सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें।

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