रोहतक: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस रोहतक में बीते एक दशक में हेपेटाइटिस-बी के इलाज के लिए आए रोगियों पर एक अध्ययन किया गया, इसमें सामने आया कि हरियाणा हेपेटाइटिस-बी का हॉटस्पॉट है।
इस दौरान 4850 हेपेटाइटिस-बी के मरीज इलाज के लिए आए, इनमें से अधिकतर मरीज पानीपत, करनाल, कैथल, सोनीपत और जींद के थे।
अध्ययन में एक सितंबर 2010 से 31 अगस्त 2020 तक इलाज के लिए आए हेपेटाइटिस-बी से संक्रमित 4850 रोगियों की पहचान की गई, जिनमें से 22 संक्रमितों ने अध्ययन में शामिल होने से इनकार कर दिया।
अब टोटल 4828 रोगियों की विस्तृत जांच में सामने आया कि हेपेटाइटिस-बी प्रदेश की प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है। जागरूकता न होने से लोगों को इस बीमारी की गंभीरता का पता नहीं है।
40 फीसदी मरीजों में संक्रमण की वजह इंजेक्शन, सर्जरी और दांतों का इलाज पाया गया। अध्ययन में लोगों को हेपेटाइटिस-बी के संक्रमण और इसकी वजह से लीवर कैंसर की स्थिति से बचाने के लिए हॉटस्पॉट जिलों में नियमित स्क्रीनिंग पर जोर दिया गया है।
पीजीआईएमएस रोहतक के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी के हेड डॉ. प्रवीण मल्होत्रा, गाइनाकोलॉजी एवं ऑब्सटेट्रिक्स विभाग से डॉ. वाणी मल्होत्रा, डॉ. उषा गुप्ता और डॉ. योगेश सांवरिया का अध्ययन में योगदान रहा।