Supreme Court order on Agneepath scheme: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा लायी गयी अग्निपथ योजना की सुनवाई हुई। सेना में भर्ती को लेकर अग्निपथ योजना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गयी, जिसमें मांग की गयी है की इस नई योजना पर फ़िलहाल के लिए रोक लगाते हुए इसपर समीक्षा की जाए। वहीं, केंद्र सरकार ने भी अग्निपथ योजना को लेकर कुछ भी फैसला देने से पहले इसपर अपना पक्ष सुने जाने की मांग की है।
अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 3 याचिकाएं सुनवाई के लिए लगाई गई हैं। ये याचिकाएं मनोहर लाल शर्मा, हर्ष अजय सिंह और रवींद्र सिंह शेखावत की तरफ से अलग-अलग दायर की गई हैं। जिसकी आज सुनवाई हुई है। दायर याचिका में कहा गया है कि ऐसे लोगों पर अग्निपथ योजना लागू नहीं की जानी चाहिए, जो पहले से ही सैन्य बलों की नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं। उन्हें 4 साल की बजाए पुराने हिसाब से सर्विस मिलनी चाहिए।
Read also: दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन में तकनीकी खराबी, यमुना बैंक से इंद्रप्रस्थ तक सेवा बाधित
इस मामले की सुनवाई करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा की अग्निपथ योजना को लेकर कई हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर है। उनमें से दिल्ली हाईकोर्ट भी एक है। मेहता ने कहा की मेरी गुजारिश है, सभी याचिकाओं पर पहले दिल्ली हाईकोर्ट या अन्य हाई कोर्ट में सुनवाई की जाये। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा की आप एक ट्रांसफर पीटीशन दायर करिये हम दिल्ली हाईकोर्ट को सभी याचिकाएं सुनवाई के लिए भेज देंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जरूरी नहीं कि हर एक मामले में सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ही करे।
सुप्रीम कोर्ट अग्निपथ योजना से सम्बंधित देशभर में लंबित मामलों को एकसाथ सुनवाई के लिए ट्रांसफर करेगा। दरअसल, दिल्ली, केरल, पटना, पंजाब- हरियाणा, उत्तराखंड, कोच्चि हाईकोर्ट में अग्निपथ योजना के खिलाफ मामले लंबित हैं।