हरियाणा के गुरुग्राम के एक निजी स्कूल में छात्र द्वारा छात्र की हत्या के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साफ कर दिया कि आरोपी छात्र पर केस नाबालिग के तौर पर चलेगा। कोर्ट का मानना है कि घटना के समय आरोपी नाबालिग था इसलिए उसपर मामला नाबालिग के तौर पर ही चलना चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले को सही माना है जिसमें हाईकोर्ट ने मामले को नाबालिग के तौर पर चलाने का फैसला किया था। घटना के बाद पीड़ित के परिवार की तरफ से मांग की गई थी कि इस जघन्य अपराध के लिए आरोपी पर बालिग के तौर पर मुकदमा चले।
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गौरतलब है कि साल 2017 में गुरूग्राम के एक निजी स्कूल के टॉयलेट में आरोपी छात्र ने 7 साल के मासूम की हत्या कर दी थी और हत्या की वारदात के समय आरोपी की उम्र सिर्फ साढ़े 16 साल थी। घटना के बाद पीडि़त के परिजनों की मांग पर जांच को सीबीआई को सौंपा गया था और सीबीआई जांच के दौरान गुरूग्राम पुलिस की थ्योरी पूरी तरह से बेबुनियाद साबित हुई। इसके बाद ही सीबीआई ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार किया था।