सिरसा- नौकरी से हटाए गए 1983 पीटीआई अध्यापकों का रोष प्रदर्शन आज 48वें दिन भी जारी रहा है। जींद में बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों पर लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शनकारी पीटीआई अध्यापकों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों ने मोटरसाइकिलों के जत्थे के साथ ऐलनाबाद के लिए कूच किया। शारीरिक शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पीटीआई अध्यापकों ने जींद में बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों पर लाठीचार्ज की निंदा भी की।
शारीरिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान भूप सिंह ने बताया कि जींद में बर्खास्त अध्यापक शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खाप नेता रंगीराम पर पुलिस कर्मियों ने तेल छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की। इसी की आड़ में बर्खास्त पीटीआई अध्यापकों पर लाठीचार्ज किया गया।
उन्होंने कहा कि इसके विरोध में उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया है। अब सभी एकत्रित होकर ऐलनाबाद विधानसभा की ओर कूच करेंगे और वहां रोष प्रदर्शन कर लोगों को आंदोलन में साथ जोड़ने का कार्य करेंगे। वहीं दूसरी ओर 1983 पीटीआई शिक्षकों को नौकरी से बाहर करने के मुद्दे पर विपक्ष लगातार राज्य की खट्टर सरकार को घेर रहा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार की कड़ी आलोचना की थी।
उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा था कि, “सुप्रीम कोर्ट के 8 अप्रैल, 2020 के फैसले के बाद 1983 पीटीआई शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त करना 2 हजार परिवारों के पेट पर असंवेदनशील तरीके से लात मारना है। इन पीटीआई शिक्षकों ने 10 साल से ज्यादा प्रदेश में निस्वार्थ सेवा की है और कई साथी तो अब रिटायर भी हो चुके हैं।”
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