केंद्र सरकार की ओर से हाल में अग्निपथ योजना की घोषणा की गई जिसके बाद से लगातार बवाल जारी है। देश में कई जगहों पर विरोध के नाम पर हिंसा हो रही है। इस विरोध को शांत करवाने के लिए रविवार को तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की प्रेस कांफ्रेंस हुई।
प्रेस कांफ्रेंस में सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अरूण पुरी ने देश में फैल रहे भ्रम पर स्थिति साफ की। उन्होंने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे। देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। ‘अग्निवीर‘ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती हैं। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
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एयर मार्शल एसके झा ने बताया कि दिसंबर के अंत तक अग्नवीर के पहले बैच को वायुसेना में शामिल कर लेंगे। 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह एक ऑनलाइन सिस्टम है। उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। एक महीने बाद 24 जुलाई से फेज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे।