चरखी दादरी(प्रदीप साहू): प्रदेश सरकार द्वारा जहां लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का दम भरने का दावा किया जा रहा है। वहीं, चरखी दादरी में एक गांव ऐसा है जहां डिस्पेंसरी तो है लेकिन उसका खुद का भवन नहीं है।
डाक्टरों को पशु अस्पताल की जर्जर बिल्डिंग में बैठकर मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है। जर्जर हो चुकी बिल्डिंग में दूसरे का इलाज करने के दौरान चिकित्सकों को अपनी जान का खतरा बना हुआ है।
ग्रामीणों ने सरकार व स्वास्थ्य विभाग से अलग भवन बनवाने की मांग की है। आपको बता दें, जिले के गांव कलियाणा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंचायत भवन में डिस्पेंसरी खोली गई थी।
लेकिन पंचायत भवन की बिल्डिंग जर्जर होने के कारण उसे पशु अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया। बावजूद इसके पशु अस्पताल की भी बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है और चिकित्सकों को डर के साए में मरीजों का इलाज करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
पशु अस्पताल की बिल्डिंग इस कदर जर्जर हो चुकी है कि छत से मलबा गिर रहा है और दरवाजे, खिड़कियां तो नाममात्र की रह गई हैं।
बारिश के दिनों में दवाइयां पानी में तैरती दिखाई देंगी। हालांकि, चिकित्सकों का कहना है कि कई बार विभाग को अवगत करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव की डिस्पेंसरी भवन बेकार हो चुकी है कि ना डाक्टरों के बैठने की जगह और ना ही मरीजों का सही ढंग से इलाज हो पा रहा है।
ग्रामीणों द्वारा कई बार सरकार व स्वास्थ्य विभाग को अवगत करवाया लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अगर ऐसे ही हालात रहे तो बड़ा हादसा हो सकता है।
वहीं, डा. विरेंद्र सिंह ने बताया कि जिस भवन में डिस्पेंसरी चल रही थी, वह पांच साल पहले ही कंडम घोषित की जा चुकी थी।