जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन TRF ने ली BJP नेताओं की हत्या की जिम्मेदारी !

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में गुरुवार को आतंकवादियों ने भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी। गुरुवार देर शाम कुलगाम जिले के वाई के पोरा इलाके में भाजपा नेताओं फिदा हुसैन, उमर हाजम और उमर राशिद बेग की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन हत्याओं की लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन माने जाने वाले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ, TRF)’ ने जिम्मेदारी ली है।

दरअसल, यह आतंकी संगठन TRF उस वक्त अपने अस्तित्व में आया, जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में बांट दिया।

क्या है TRF ?

आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ की लॉन्चिंग पिछले साल अगस्त के आसपास हुई थी, जब केंद्र की मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाया था। इसके बाद घाटी में बड़े आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयब्बा के तीन टॉप आतंकियों द्वारा इस आतंकी संगठन को खड़ा किया गया।

जानकारों की मानें तो इस संगठन को खड़ा करने में जैश और मुजाहिद्दिन के भी आतंकी शामिल हैं। दरअसल, पाकिस्तान पर एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में जाने से बचने के लिए एक तरह से अंतर्राष्ट्रीय दबाव था। यही वजह है कि पाकिस्तान ने घाटी में आतंकियों को एक नया चेहरा देने की कोशिश की और ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ को खड़ा किया गया, ताकि दुनिया की नजर से बचा जा सके।

Also Read: मुंगेर हिंसा- CISF रिपोर्ट में खुलासा, पुलिस फायरिंग में गई युवक की जान !

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टीआरएफ को पाकिस्तान से शीर्ष तीन लश्कर कमाडंरों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। दक्षिण कश्मीर के लिए सजाद जट्ट, मध्य कश्मीर के लिए खालिद और उत्तरी कश्मीर के लिए हंजला अदनान। माना जा रहा है कि स्थानीय युवाओं को भर्ती करने के लिए और एक नया आतंकी मंच देने के लिए टीआरएफ को तैयार किया गया है।

पाकिस्तान ने इस साल खड़े किए तीन संगठन !

वहीं पाकिस्तान अपनी नापाक साजिशों से बाज नहीं आ रहा है। इसी साल पाकिस्तान ने तीन आतंकवादी संगठन गठित किए, जिसमें द रेजिस्टन्स फ्रंट (टीआरएफ), तहरीक मिलिती इस्लामिया (टीएमआई) और गज़वा-ए-हिंद (जीईए) शामिल हैं। इसका मकसद यह साबित करना है कि कश्मीर में स्वदेशी आतंकवाद है। द रेजिस्टन्स फ्रंट वास्तव में एक आतंकियों का एक नया मोर्चा है, आतंकवादी गतिविधियां कम होते देख और क्षेत्र में आतंकवाद जारी रखने के लिए स्थानीय नाम की अवधारणा को लिया गया है।

आतंकवादियों के साथ ज्यादातर मुठभेड़ों में यह पाया गया है कि भले ही आतंकवादी टीआरएफ के अलावा किसी और संगठन से जुड़ा हो, फिर भी वे यह दावा करने की कोशिश करते हैं कि जो मारा गया है वह टीआरएफ से जुड़ा था। यह पाकिस्तान की दूसरी रणनीति है। पाकिस्तान ने आतंकी समूहों के लिए स्थानीय नामों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है ताकि उसके ऊपर ठीकरा न फोड़ा जाए।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter  and Also Haryana FacebookHaryana Twitter.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *