UP Police: सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने अहमदाबाद की कंपनी एजूटेस्ट को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इसकी पुष्टि बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने की है। इसका नतीजा ये होगा कि अब एजूटेस्ट को राज्य के किसी भी विभाग में भर्ती परीक्षा में काम नहीं मिलेगा।
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बता दें, उसके खिलाफ भी कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है। एसटीएफ ने चार बार एजूटेस्ट कंपनी के संचालक विनीत आर्या को नोटिस भेजा है और उनसे बयान दर्ज कराने की मांग की है। इसके बावजूद, वह दिखाई नहीं देते। एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि वह सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद से अमेरिका चला गए थे। तब से वह वापस नहीं आए। सूत्रों का कहना है कि संचालक पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा अगर वह एसटीएफ मुख्यालय, लखनऊ में पहुंचकर बयान नहीं देते हैं।
एसटीएफ को सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में कंपनी की लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण मिला है। विनीत आर्या को पिछले चार महीने से इसी आधार पर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। साथ ही एसटीएफ ने पेपर लीक कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रयागराज निवासी राजीव नयन मिश्रा के बयान के आधार पर मास्टरमाइंड सुभाष प्रकाश की तलाश भी तेज कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि सुभाष प्रकाश, राजीव नयन, रवि अत्री और अन्य लोग एक संगठित गिरोह हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करते हैं।
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दरअसल, टीसीआई एक्सप्रेस ट्रांसपोर्ट कंपनी के वेयरहाउस से सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। Transport Company के कर्मचारियों ने मिलकर वेयरहाउस को तोड़ दिया। डॉ. शुभम मंडल को बिहार से पत्र बॉक्स खोलने के लिए दो बार बुलाया गया था। एसटीएफ को ट्रांसपोर्ट कंपनी की पेपर लीक में शामिल होने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। जांच में पता चला कि एजूटेस्ट कंपनी ही पेपर की सुरक्षा करनी थी, जिसमें वह नाकाम रही।