UP Politics: लोकसभा सत्र की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पक्षों ने ताबड़तोड़ मुकाबला शुरू कर दिया है। एक दिन पहले राहुल गांधी ने हिंदू को लेकर एक बार फिर बहस शुरू की। इसके बाद आज 2 जुलाई को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने शायराना अंदाज में BJP पर हमला बोला है, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी बुरी तरह घायल हुई होगी। शुरू में ही, उन्होंने बीजेपी को सहयोगियों के सहारे सरकार बनाने के बारे में घेर लिया।
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दरअसल, यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने संसद के विशेष सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला। यूपी में बीजेपी को मिली बड़ी हार और अयोध्या में बीजेपी की हार को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि वहां की जीत भारत की अनुभवी जनता की जीत है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कह कि ‘होई वही जो राम रचि राखा। इसके बाद अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि दरबार तो लगा है लेकिन माहौल शांत है। वह यहीं नहीं रुके, ईवीएम पर हमला करते हुए कहा कि अगर मैं 80 से 80 सीटें जीत जाऊं तो भी ईवीएम पर सवाल उठाता रहूंगा। अखिलेश के अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज कसते देख विरोधी पक्ष लगातार उनके भाषणों पर तालियां बजाते रहे।
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बता दें, एक कविता में अखिलेश यादव ने एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये उनका (भगवान राम) फैसला है, जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज, जो करते थे किसी को लाने का वादा, वो खुद हैं किसी के सहारे का लाचार। साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान रक्षकों की जीत हुई है, क्योंकि संविधान ही संजीवनी है। ये सरकार चलने वाली नहीं गिरने वाली सरकार है। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश की जनता सिर्फ यह चाहती है कि जिस गंगा जल को लेकर वादा किया गया है, कम से कम उससे झूठ न बोले।
विनाश की जिम्मेदारी कब लेंगे जो विकास का ढिंढोरा पीट रहे हैं, रेलवे स्टेशन की दीवार और मंदिर की गिरी छत ने भ्रष्टाचार को उजागर किया है। उन्हें बताया गया कि उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी नगरी में सड़कों पर हवाई जहाज उतरे थे और सड़कों पर नाव उतरे थे। अब और बारिश होगी तो नाव से भी चलना होगा यही स्मार्ट सिटी के जुमले का हाल है. पिछले 10 सालों की उपलब्धि बस इतनी रही की एक शिक्षा परीक्षा माफिया का जन्म हुआ है।