हाल ही हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में 49 उम्मीदवारों की जीत का अंतर 5,000 मतों से कम था। गुरुवार को घोषित नतीजों के अनुसार, समाजवादी पार्टी (सपा) के 25 उम्मीदवारों को 5,000 से कम वोट से हार का सामना करना पड़ा, जबकि इसी तरह राष्ट्रीय लोक दल के भी तीन उम्मीदवारों को 5000 वोट से कम से हार मिली। सपा और रालोद ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था।
भारतीय जनता पार्टी के 18 उम्मीदवार भी 5,000 से कम वोट से चुनावी लड़ाई हार गए। सबसे कम जीत का अंतर धामपुर में दर्ज किया गया, जहां बीजेपी के अशोक कुमार राणा ने सपा के नईम–उल–हसन को 203 वोट से हराया। कुरसी से भाजपा प्रत्याशी शकेंद्र वर्मा ने सपा के राकेश वर्मा को 217 वोट से हराया।
अलीगंज, औराई, बहराइच, छिबरामऊ, इटावा, फरीदपुर, जलालाबाद, बिंदकी, जलेसर, कटरा, मधुबन, मानिकपुर, मड़ियाहुं, मोहम्मदी, मुरादाबाद नगर, नकुड़, फूलपुर, सैलून, शाहगंज, श्रावस्ती, सीतापुर, सुल्तानपुर और तिरवा में सपा उम्मीदवार 5,000 से कम वोट से हारे। इनमें से छह सीटों पर जीत का अंतर 1,000 वोटों से भी कम था।
रालोद उम्मीदवार बड़ौत, नेहतौर और बिजनौर से 315 वोट, 258 वोट और 1,445 वोट से हार गए।
चांदपुर से बीजेपी के कमलेश सैनी को सपा के स्वामी ओमवेश ने महज 234 वोटों से हराया। भगवा पार्टी रामनगर सीट 261 वोटों से और इसौली सीट 269 वोटों से हार गई।
बस्ती सदर, भदोही, बिसौली, दिबियापुर, डुमरियागंज, गाजीपुर, इटावा, जसराना, किठौर, मेजा, पटियाली, फरेंदा, रानीगंज, सरेनी और जैदपुर में भाजपा उम्मीदवारों के लिए हार का अंतर 5,000 वोट से कम था। इनमें से छह सीटों पर उसे 1,000 से भी कम वोट मिले थे।
निषाद पार्टी हंडिया और कालपी सीटों को सपा से 3,543 वोट और 2,816 वोट से हार गई। अपना दल (एस) के उम्मीदवार को बछरावां से सपा उम्मीदवार ने 2,812 वोट से हराया।
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पांच सबसे बड़े जीत अंतर भाजपा उम्मीदवारों द्वारा दर्ज किए गए थे। सुनील कुमार शर्मा ने साहिबाबाद में 2.14 लाख वोटों के अंतर से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। नोएडा में पंकज सिंह की जीत का अंतर 1.81 लाख था, जबकि अमित अग्रवाल को मेरठ छावनी में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से 1.18 लाख वोट अधिक मिले।
भगवा पार्टी के पुरुषोत्तम खंडेलवाल और श्रीकांत शर्मा ने आगरा उत्तर और मथुरा सीटों से अपने विरोधियों को 1.12 लाख और 1.09 लाख वोटों से हराया।
उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 255, उसके सहयोगी अपना दल (एस) को 12 और निषाद पार्टी को छह सीटें मिली हैं। सपा ने 111 सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी रालोद को आठ सीटें और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) को छह सीटें मिलीं।
कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को दो–दो सीटें मिली हैं और मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को एक सीट मिली है।