उत्तराखंड में कांग्रेस को विधानसभा चुनावों से कुछ समय पहले बड़ा झटका लगा है। राज्य में पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष इंदिरा हृदयेश का दिल्ली में निधन हो गया है। जानकारी के मुताबिक इंदिरा दिल्ली में पार्टी के आला नेताओं के साथ बैठक के लिए आई थीं और उत्तराखंड भवन में रूकी हुई थीं जहां पर हृदय गति रूकने से उनका देहांत हो गया।
इंदिरा हृदयेश के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो 1974 में उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में पहली बार चुनी गईं जिसके बाद 1986, 1992 और 1998 में इंदिरा हृदयेश लगातार चार बार अविभाजित उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गईं। उसके बाद उन्हें साल 2000 में अंतरिम उत्तराखंड विधानसभा में नेता विपक्ष भी बनाया गया। 2002 में एनडी तिवारी की सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था।
इंदिरा के निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शोक जताया. उन्होंने ट्वीट किया कि मेरी बड़ी बहन जैसी आदरणीया श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला।
उत्तराखण्ड राज्य की वरिष्ठ नेत्री, पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं, मेरी बड़ी बहन जैसी आदरणीया श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला।
मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान के श्री चरणों में प्रार्थना करता हूँ। pic.twitter.com/rQ2SOijxRn
— Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) June 13, 2021