नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरी दूनिया में हाहाकार मचाई हुई है। इस महामारी से रोजाना हजारों लोगों की जान जा रही है।
वहीं, SARS-CoV-2 के वायरल स्ट्रेन पर बढ़ती चिंताओं के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि ऐसा कोई भी कोरोना वेरिएंट अब तक सामने नहीं आया है जो वैक्सीन के असर को कम करता है।
WHO के महानिदेशक टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस ने हालांकि यह भी कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि भविष्य में ऐसा ही होगा।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टैड्रोस ने 74वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में कहा कि अभी कोरोना का कोई ऐसा वेरिएंट सामने नहीं आया है जो वैक्सीन, डायग्नोसिस या थेराप्यूटिक के असर को कम करता हो।
लेकिन इस बात की फिलहाल कोई गारंटी नहीं दी जा सकती है कि ऐसा ही रहेगा क्योंकि वायरस के वेरिएंट में लगातार बदलाव देखा जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि इन बातों को लेकर लोगों को वैक्सीनेशन कराने से पीछे नहीं हटना चाहिए और सभी देशों में बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान होना चाहिए।
टैड्रोस ऐडरेनॉम ने सदस्य देशों से सितंबर तक कम से कम 10 प्रतिशत आबादी को वैक्सीनेट करने के लिए कहा और आग्रह किया कि साल के अंत यानी दिसंबर तक कुल आबादी के कम से कम 30 प्रतिशत हिस्से का वैक्सीनेशन कर दिया जाए।
वैक्सीन की कमी को लेकर डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने वैल-ऑफ सदस्य देशों से बच्चों का वैक्सीनेशन रोकने और उन लोगों को वैक्सीन डोज देने का आग्रह किया, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने वैक्सीन के ज्यादा स्टॉक वाले देशों से अपील की है कि वे वैक्सीन को अन्य देशों के साथ भी शेयर करें और वैक्सीन डोज की प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सहयोग दें।