केरल के मुख्‍यमंत्री पिनराई विजयन ने पेरियार नदी मामले में क्यों दी सफाई ? जानें

Kerala Fish Death

Kerala Fish Death: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि पेरियार नदी में हाल ही में बड़ी संख्या में मछलियों के मरने की वजह पानी में ऑक्सीजन की कमी है। उनके मुताबिक कारखानों से नदी में केमिकल कचरा नहीं छोड़ा गया।प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस मुद्दे पर केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज से रिपोर्ट मिलने के बाद जरूरी कदम उठाएगा। शुरूआती आंकड़ों से पता चला है कि मछलियां मरने से किसानों को 13.56 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।21 मई को एर्नाकुलम जिले के वारापुझा, कदमक्कुडी और चेरनल्लूर जैसी पेरियार नदी की करीबी पंचायतों में मछली फार्मों में बड़ी संख्या में मछलियां मरी हुई पाई गईं थीं।

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इसके बाद राज्य सरकार हरकत में आई।शॉर्ट-टर्म उपायों में पेरियार नदी पर पथालम रेगुलेटर-कम-ब्रिज खोलने के लिए प्रोटोकॉल तैयार करना और नदी के किनारों पर मौजूद इंडस्ट्रियल यूनिटों पर बायोफिल्टर लगाना शामिल है।लॉन्ग टर्म उपाय पेरियार समेत राज्य की दूसरी नदियों को बचाने से जुड़े हैं। नदियों से जुड़ी अथॉरिटी बनाना भी इन उपायों में शामिल है।

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मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा शुरूआती आंकड़ों से संकेत मिलता है कि मछली किसानों को 13.56 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मछली पालने वालों को दिए जाने वाले मुआवजे से जुड़ी सिफारिशें मिलने के बाद उनकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी ।”नदी में जांच से पता चला कि घुली हुई ऑक्सीजन मछलियों के जिंदा रहने के लिए जरूरी लेवल से नीचे थी। शुरूआती जांच के मुताबिक भारी बारिश के बाद जब पथलम रेगुलेटर-कम-पुल का शटर खोला गया, तो बड़ी मात्रा में पानी नदी में मिला। रेगुलेटर के ऊपरी हिस्से से ऑक्सीजन-के बिना पानी नदी में गया। शुरूआती जांच में पेरियार के तट पर कारखानों से नदी में कोई केमिकल कचरा बहाया नहीं पाया गया।”

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