रेडियो आज के समय का सबसे सस्ता और सबसे मजबूत संसाधन है जिससे सभी की कुछ ना कुछ यादें जरुर जुड़ी होगी । एक समय था जब रेडियो का इस्तेमाल लोगो को शिक्षित करने में किया जाता था । लोगो के पास मनोरंजन का एक मात्र साधन भी यही था, आज के समय में बेशक मोबाइल से लेकर बड़े बड़े स्मार्ट टीवी मौजूद है लेकिन रेडियो का अलग ही सुकून है जिसकी हल्की हल्की धुन कानों में प्रेम का रस घोल देती है ।
गौरतलब है कि यूनेस्को ने विश्व रेडियो दिवस की शुरुआत 2011 से प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को करने मनाने का निर्णय लिया था । रेडियो का इस्तेमाल शुरुआत में शिक्षा के उद्देश्य से किया जाता था। सूचना प्रसारण से लेकर कहानी सुनने, भाषण सुनने से लेकर बड़ी खबरों तक यह एक बेहतर जनसंचार का माध्यम रहा है । जिसे अनपढ़ व्यक्ति भी समझ सकता था ।
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यूनेस्को सभी देशों के साथ मिलकर रेडियो दिवस पर कई कार्यक्रमों का आयोजन करता है जिसमें रेडियो पर अहम चर्चाएं की जाती है हमें भूलना नही चाहिए कि बीते आपदा व अवसर के समय में रेडियो ने क्या भूमिका निभाई है ।
बहराल आज के समय में भी रेडियो बेहद लोकप्रिय है हांलाकि उसकी जिम्मेदारी बदल गई है । अब रेडियो एक विशेष कैटेगरी में आने लगा है क्योंकि जनसंचार के लिए कई साधन है जिन तक लोगो की पहुंच है, पहले ऐसा नही था । अब रेडियों केवल वह लोग सुनते हैं जिन्हें सच में रेडियो पसंद है, अब भी कई लोग है जो शिक्षा के लिए रेडियो का इस्तेमाल करते है, गाने सुनने के लिए रेडियो का इस्तेमाल करते हैं उन सभी लोगो को रेडियो दिवस की प्यारी सी खुशी मुबारक हो क्योंकि आप वही हो जिन्होंने रेडियो को जिंदा रखा है ।