प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी पर संकट मंडरा रहा है। अगर विधायकी जाती है तो सोरेन को मुख्यमंत्री पद भी छोड़ना पड़ेगा। इस संटक के बीच सत्ताधारी महागठबंधन के विधायकों की बाड़ेबंदी कर दी गई है। आज सभी विधायकों को तीन बसों में किसी सुरक्षित जगह भेज दिया गया है। कहा जा रहा है कि सोरेन की विधायकी जाने की स्थिति में नई सरकार के गठन तक ये विधायक बाड़ेबंदी में रहेंगे। खबर के मुताबिक चुनाव आयोग ने राज्यपाल को खनन पट्टा आवंटन में सीएम हेमंत सोरेन को दोषी मानते हुए उनकी विधायकी रद्द करने की सलाह दी गई है।
सोरेन की विधानसभा सदस्यता जाती है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। ऐसे में राज्य में नए मुख्यमंत्री को शपथ लेकर बहुमत साबित करना होगा। इस दौरान विधायकों की टूट नहीं हो, जब तक शक्ति परीक्षण नहीं हो जाता तब तक कोई विधायक पाला नहीं बदले, इस तरह की आशंकों को खत्म करने के लिए ये बाड़ेबंदी की गई है।
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सत्ताधारी महागठबंधन लगातार आरोप लगा रहा है कि पिछले पांच महीने से झारखंड में सरकार गिराने की कोशिश हो रही है। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि बीजेपी सरकार गिराने के लिए षड़यंत्र रच रही है। सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
झारखंड की विधानसभा में कुल 81 सीटें हैं। इसमें सोरेन के साथ 49 विधायक हैं। इनमें से 30 विधायक झामुमो, 18 कांग्रेस और एक विधायक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से है। विपक्षी दल बीजेपी के पास सदन में 26 विधायक है। सत्तारूढ़ महागठबंधन का दावा है कि सरकार पर कोई खतरा नहीं है।
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