दिल्ली(अजीत सिंह):दिल्ली में सांसों पर बढ़ती आफत पर बढ़ती हवाओं ने ब्रके लगा दिया, बीते कई दिनों से दिल्ली के अंदर सांस लेना दुश्वार हो गया था, लेकिन अब हवाएं चलने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है, हवाएं चलने से प्रदूषण की चादर आसमान से छटती नजर आ रही है। लेकिन AQI लेवल अभी चिंता का विषय बना हुआ है।
दिल्ली में हवा चलने से प्रदूषण की चादर आसमान से कम होती नजर आ रही है, हवा की चाल तेज होने से पराली की हवा दिल्ली के अंदर अब नाम मात्र रह गई है, लेकिन AQI लेवल 300 के पार होने से चिंताए अभी भी बरकरार है, मंगलवार AQI लेवल 315 दर्ज किया गया।
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जो बीते दिनों के मुकाबले वायु गुणवक्ता में काफी सुधार है, दिल्ली के ऐसे इलाके जहां AQI लेवल हमेशा गंभीर श्रेणी में दर्ज किया जाता था, जैसे लोधी रोड,दिल्ली यूनिवर्सीटि, पूसा रोड जैसे इलाके जहां स्थितियां बेहद गंभीर होती थी, वहां भी AQI लेवल 300 के आसपास दर्ज किया गया।
दिल्ली वालों के लिए ये एक अच्छी खबर है की सांसों के संकट से जूझ रही दिल्ली को खुले में सांस लेना यानी बीमारी को दावत देने जैसा था, लेकिन जैसे जैसे हवा की गुणवक्ता में सुधार हो रहा है, आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली से हवा की तेज गती के साथ प्रदूषण की चादर भी चली जाएगी, नवंबर में पहली बार सबसे तेज गति से हवाएं चलीं ।
दिल्ली की आबोहवा बेहतर होने के साथ ही पाबंदियों में ढील दी गई है, शर्तों के साथ अब निर्माण कार्य में छूट दी जा रही है, वर्क फ्रॉम होम, स्कूल-कॉलेज खोलने और सीएनजी ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की छूट देने पर फैसला 24 नवंबर को लिया जाएगा। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में किराए के करीब एक हजार पर्यावरण बसें सड़क पर उतारी गईं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्लीवालों से अपील की है कि सार्वजनिक परिहवन का इस्तेमाल कर दिल्ली के अपने हिस्से के प्रदूषण में 50 फीसदी तक कमी लाने में योगदार करे ।