नई दिल्ली (प्रदीप कुमार की रिपोर्ट)- केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र में 74 फीसदी FDI को मंजूरी दे दी है।रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ोतरी का फैसला काफी अहम माना जा रहा है। इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।बीते महीने 27 अगस्त को रक्षा क्षेत्र में मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े आत्मनिर्भर भारत सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका जिक्र किया था।
केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र में एफडीआई लिमिट बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. रक्षा क्षेत्र में अब 49 फीसदी एफडीआई को बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इससे जुड़ा बिल 14 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की लिमिट पर फैसले के अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने तीन लेबर कोड को भी मंजूरी दी है।ये लेबर कोड हैं- सामाजिक सुरक्षा, इंडस्ट्रियल रिलेशन और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ। बताया जा रहा है कि इससे कामगारों को पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं मिल सकती हैं।
वहीं, दूसरी तरफ रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ोतरी का फैसला काफी बड़ा माना जा रहा है। इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।बीते महीने 27 अगस्त को रक्षा क्षेत्र में मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े आत्मनिर्भर भारत सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका जिक्र किया था।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत से भारत का रक्षा क्षेत्र में अहम रोल हो जाएगा। पीएम ने बताया था कि इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं.।पीएम मोदी ने कहा था कि हमारा मकसद रक्षा उत्पादन, नई तकनीक विकसित करना और डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट प्लेयर्स को अहम रोल देना है।
पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा था कि रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए दरवाजे खोलना है और 74 फीसदी एफडीआई को इजाजत देना नये भारत के विश्वास को दर्शाता है।
दरअसल लॉकडाउन के दौरान देश में पैदा हुए आर्थिक संकट के बीच पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाने का आह्वान किया था।पीएम लगातार अलग-अलग मंचों से स्वदेशी चीजों के उपयोग की अपील करते रहते हैं।साथ ही अपने ही देश में निर्माण पर जोर देते रहते हैं। इसी कड़ी में रक्षा मंत्रालय ने 9 अगस्त को एक बड़ा फैसला लेते हुए 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि रक्षा मंत्रालय आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
रक्षा मंत्रालय की इसी तैयारी के मद्देनजर अब कैबिनेट ने रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी है। माना जा रहा है कि इससे रक्षा उपकरणों के देश में उत्पादन को गति मिलेगी।