नई दिल्ली: कोरोना का नए वेरिएंट तेजी से अपने पांव फैला रहा है, यह खतरनाक वायरस कम से कम 13 देशों में पहुंच चुका है, तमाम पाबंदियों के बावजूद इस वायरस ने इन देशों में एंट्री की है, बाइडन प्रशासन के शीर्ष चिकित्सा सलाहकार एंथनी फाउची भी इसे लेकर खतरे की घंटी बजा चुके हैं।
दूसरी लहर में भारत ने इस वायरस के डेल्टा वेरिएंट का तांडव देखा है और ऐसे में उसे खास एहतियात बरतने की जरूरत है, पिछले सप्ताह पहली बार इस वेरिएंट की पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई थी और कुछ ही दिनों में यह स्ट्रेन 13 देशों में फैल गया है, इसने पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को भी संक्रमित किया है, इस वेरिएंट को B.1.1.529 नाम दिया गया है और कई महाद्वीपों में ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमित होने के मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
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जर्मनी, इटली, बेल्जियम, इजरायल और हांगकांग में भी इसके मामले सामने आए हैं, कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने दुनियाभर की टेंशन बढ़ा दी है और नए वेरिएंट पर अंकुश लगाने के लिए दुनियाभर में यात्रा पाबंदियों को कड़ा किया गया है, वहीं ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी रविवार को दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों की और कड़ी निगरानी में जांच करते दिखे ताकि यह पता लगाया जा सके, कि कहीं वे अपने साथ ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमित तो नहीं ।
ऑस्ट्रेलिया के पड़ोसी देश न्यूजीलैंड ने नए वेरिएंट से पैदा हुए खतरे के चलते नौ दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रियों के आने पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है, वहीं, जापान ने भी पाबंदियां कड़ी करने का ऐलान किया है, थाईलैंड ने अपनी कड़ी सीमा पाबंदियों में हाल में ढील देनी शुरू की थी, ताकि अलग-अलग देशों से लोग पर्यटन के लिए आ सकें, व्यापारिक केंद्र माने जाने वाले सिंगापुर में भी ऐसी ही पाबंदियां लागू की गई हैं और सिंगापुर ने हाल में दक्षिणी अफ्रीका के सात देशों की यात्रा करने वालों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
ओमीक्रोन वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए दुनिया के अन्य क्षेत्रों में लगाई जा रही पाबंदियों का प्रभाव एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है, वैसे तो अभी इस वेरिएंट के बारे में काफी कुछ पता लगाया जाना है, लेकिन शोधकर्ता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यह वैक्सीन की सुरक्षा का काफी मजबूती से सामना कर सकता है, इसका मतलब यह हो सकता है कि महामारी अपेक्षा से अधिक समय तक कायम रह सकती है।
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अमेरिका के टॉप संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा था, कि इसमें हैरान होने की कोई बात नहीं है कि अमेरिका में भी ओमीक्रोन स्वरूप पहले से ही मौजूद हो, फाउची ने एनबीसी टेलीविजन से कहा, ”हमें अभी इसके मामले सामने आने की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन इस तरह के वायरस का संक्रमण हर जगह फैलने की आशंका बनी रहती है और ”उन्होंने कहा था कि नए वेरिएंट से खतरे को देखते हुए अमेरिका से जो बन पड़ता है उसे करना चाहिए, लेकिन अभी यह कहना जल्दी है, कि देश को एक और लॉकडाउन या अन्य बंदिशों की जरूरत पड़ेगी और दूसरी लहर में भारत ने कोरोना की विनाशलीला देखी है।
इस दौरान अस्पताल खचाखच भर गए, ऑक्सिजन की किल्लत सामने आई और दवाएं भी कम पड़ गईं, वहीं ऐसे में भारत को खासतौर से सचेत रहने की जरूरत है, इटली के रिसर्चर्स ने कोरोना के नए वेरिएंट ‘ओमीक्रोन’ की पहली तस्वीर जारी की हैं, तस्वीर इस बात की पुष्टि करती है कि नया स्ट्रेन मूल कोरोना वायरस का बेहद परिवर्तित रूप है और ‘डेल्टा’ वेरिएंट के मुकाबले ‘ओमीक्रोन’ में काफी ज्यादा म्यूटेशंस नजर आ रहे हैं।
हालांकि, दुनियाभर में सनसनी फैला चुका यह वेरिएंट कितना ज्यादा संक्रामक और घातक है, अभी इसका पता नहीं चल सका है। नए वेरिएंट से खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग के यात्रियों की कड़ी स्क्रीनिंग करने को कहा है, शनिवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके मद्देनजर ‘प्रोएक्टिव’ रहने की आवश्यकता पर बल दिया था।
उन्होंने लोगों को अधिक सतर्क रहने और मास्क पहनने व उचित दूरी सहित बचाव के सभी अन्य उपायों का पालन करने की जरूरत बताई थी, देश के भीतर भी हालात पर कड़ी निगरानी रखने का फैसला किया गया था। एयरपोर्ट हेल्थ ऑफिशियल से चौंकन्ना रहने के लिए कहा गया था, इसके बाद सरकार ने गाइडलाइंस भी जारी की हैं, इनके अनुसार दक्षिण अफ्रीका और जिन देशों में नया वेरिएंट मिला है, वहां से भारत आने वाले यात्रियों को अनिवार्य तौर पर एयरपोर्ट पर बने टेंस्टिंग सेंटर में आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी।
रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें एयरपोर्ट से बाहर निकलने की इजाजत दी जाएगी और इन्हें 7 दिन होम क्वारंटीन में रहना जरूरी होगा ।