देश के पहले मतदाता ने ली आखिरी सांस, लोकतंत्र को मजबूत करने में रहे थे सबसे आगे

भारतीय राजनीति को कायम करने की नींव में अपनी सहयोगिता निभाने वाले व्यक्ति का आज निधन हो गया। देश के पहले वोटर ने आज आखिरी सांस ली। स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी का शनिवार सुबह निधन हो गया। आज सुबह उनके पैतृक स्थान कल्पा में उनका निधन हो गया। श्याम सरन नेगी देश के पहले मतदाता थे। वे हिमाचल प्रदेश में किन्नौर ज‍िले के कल्पा के रहने वाले थे। श्‍याम सरन नेगी ने दो द‍िन पहले ही पोस्‍टल बैलेट के जर‍िए व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए वोट डाला था।

भारतीय राजनीति में मतदान के अधिकार को शुरुआत से ही अहम माना गया है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है जो मुख्य रूप से ये तय करता है कि भारत में कोई भी सरकार तभी काबिज हो सकती है जब जनता उसे अपने लीडर के रूप में पसंद करे यानि की लोकतंत्र में मतदान के अधिकार को सबसे अहम माना जाता है। जिस देश में हर किसी को अपने मत को सामने रखने का अधिकार है। ठीक उसी तरह भारतीय जनता भी ये तय करती आई है की देश की शासन प्रणाली किसके हाथों में सौंपनी है। जिसका निर्णय मतदान देकर किया जाता है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निवासी 106 वर्षीय वयोवृद्ध श्याम सरन नेगी ने शुक्रवार देर रात करीब 2 बजे आखिरी सांस ली। आजादी के बाद भारत में 1951-52 में जब पहले आम चुनाव हुए थे तो श्याम सरन नेगी ने ही उसमें सबसे पहले मतदान किया था।

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज़ाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है। सीएम ने कहा स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता और हमारे किन्नौर जिला से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें। शोकग्रस्त परिवारजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।

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