दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने विकेन्द्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज पंपिंग स्टेशनों के लिए जल्द भूमि आवंटन के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से मुलाकात की। राघव चढ्ढा ने कहा कि सीवेज की बढ़ती समस्या का समाधान विकेंद्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज पंपिंग स्टेशनों के जरिए ही संभव है। डीडीए को बिना किसी देरी के भूमि आवंटित करनी चाहिए। वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड जमीन नहीं होने के कारण एसटीपी और एसपीएस के प्रस्तावित निर्माण कार्यों को नहीं कर पा रहा है। जबकि दिल्ली के ऐसे क्षेत्रों में सीवरेज नेटवर्क के विस्तार की जरूरत है।
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दिल्ली में आबादी बढ़ने की वजह से सीवेज में भी वृद्धि हुई है, जिसका प्राथमिकता के आधार पर शोधन करने की जरूरत है। डीएसटीपी और एसपीएस का निर्माण कर सीवरेज का निपटारा किया जा सकता है। जिसके लिए डीडीए द्वारा दिल्ली जल बोर्ड को जल्द भूमि आवंटित करने की आवश्यकता है। क्योंकि डीजेबी के पास उन संबंधित क्षेत्रों में अपनी जमीन नहीं है, जहां पर डीएसटीपी और एसपीएस स्थापित करने की आवश्यकता है। दिल्ली जल बोर्ड के विभिन्न अधिकारी नियमित रूप से डीडीए के साथ एक साल से औपचारिक पत्राचार और बैठकें कर रहे हैं।
मौजूदा मांग के मुताबिक जल बोर्ड ने डीडीए से 37 जगहों पर तत्काल जमीन आवंटित करने की मांग की है। शहरीकृत गांवों में दिल्ली जल बोर्ड को डीएसटीपी और एसपीएस के निर्माण के लिए भूमि की जरूरत है, ताकि दिल्ली के गैर-सीवर वाले क्षेत्रों में सीवरेज निपटान के लिए विकेन्द्रीकृत एसटीपी-एसपीएस का निर्माण किया जा सके।