(ओपी शुक्ला)। दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा इलाके में सबसे अधिक संख्या में पूर्वांचल के लोग रहते हैं। जहां छठ पूजा पर राजनीति होना लाजमी है। ऐसे में छठ घाटों की बदहाली को लेकर भाजपा के नेता संजय सिंह ने दिल्ली सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया और सरकार को विज्ञापन की सरकार बताते हुए पूर्वांचल के लोगों से छलावा और धोखा करने की बात कही। वहीं इलाके में अनेकों ऐसे छठ घाट है जो बदहाली की स्थिति में है। जहां घाटों में नाले का पानी भरा हुआ है और सूअर लोट रहे हैं लेकिन अभी तक प्रशासन ने इन घाटों की सुध नहीं ली है और ना ही घाटों को सुधारा गया है ऐसे में स्थानीय लोग परेशान हैं।
छठ पूजा को लेकर जहां एक तरफ पूर्वांचल के लोगों में हर्षोल्लास है वहीं दूसरी तरफ छठ पूजा को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। जहां दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा के हरफुल बिहार में छठ घाटों की बदहाली को लेकर लोग परेशान हैं। कालोनी के लगभग 20 छठ घाटों में नाले का पानी भरा हुआ है और इन छठ घाटों में सूअर लोट रहे हैं। बदहाली की ऐसी स्थिति में पवित्र छठ पूजा का त्यौहार मनाना स्थानीय लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है। ऐसे में पूर्वांचलियो के बीच पहुंचे पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा से भाजपा नेता व पूर्व एमएलए प्रत्याशी संजय सिंह ने दिल्ली सरकार और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार 25 करोड़ रुपये छठ पूजा पर खर्च करने की बात कह रही है। जहां सरकार सिर्फ विज्ञापनों में अपनी वाहवाही करके लोगों के साथ छलावा, धोखा कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
जहां छठ घाटों पर नाले का पानी भरा हुआ हैं और अभी तक कोई सफाई नहीं हुई। वहीं इन छठ घाटों पर सूअर लोट रहे हैं और लोग परेशान है कि वह छठ पूजा कैसे मनाएंगे, वहीं पूरी विधानसभा में लगभग 100 से अधिक ऐसे छठ घाट है जो बदहाली की स्थिति में है पर प्रशासन व सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। हालांकि स्थानीय महिलाओं का कहना है कि छठ पूजा एक पवित्र त्यौहार है और इसमें बहुत सारी सावधानियां रखनी होती है। जहां हर चीज को धो कर साफ़ करके इस पूजा को मनाया जाता है। लेकिन छठ घाटों की ऐसी स्थिति देखकर वे लोग परेशान है और आपस में चंदा मिलाकर इसकी सफाई की कोशिश कर रहे हैं।
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वहीं आपको बताते चले कि छठ महापर्व पूर्वांचल का सबसे बड़ा त्यौहार है। जो पूरे विश्व में मनाया जाता है। ऐसे में छठ पर्व पर राजनीति होना लाजमी है । क्योंकि दिल्ली में पूर्वांचलियो की संख्या अधिक है जो कि सभी पार्टियों के लिए एक बड़े वोट बैंक का काम करती है। ऐसे में पूर्वांचलियो को रिझाना सबके लिए फायदे का सौदा होता है और इसी का नतीजा है कि आप पार्टी सरकार ने पहली बार दिल्ली में किसी ऐसे त्यौहार को सरकारी खर्चे पर ऑर्गेनाइज करने की नीति बनाई थी। जिसमें त्यौहार के लिए सरकारी फंड दिया जाता है और इसी बात को लेकर विपक्षी पार्टियां आप पार्टी पर अब तंग करती नजर आ रही हैं।