दिल्ली। (रिपोर्ट- दिवांशु मल्होत्रा) दिल्ली पुलिस की द्वारका साउथ थाने की पुलिस ने मंडोली जेल के एक हेड वार्डन समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये हेड वार्डन मंडोली जेल में अपराधियों को एक्सटॉर्शन रैकेट चलाने में उनके जरूरत का सामान मुहैया कराता था। इसके साथ ही पुलिस ने मंडोली जेल से ऑपरेट हो रहे एक्सटॉर्शन रैकेट के मास्टरमाइंड नंदू गैंग के सदस्य विकास को भी गिरफ्तार किया है।
आपको बता दें, दिल्ली पुलिस की द्वारका साउथ थाने की पुलिस ने मंडोली जेल के एक हेड वार्डन समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने मंडोली जेल से ऑपरेट हो रहे एक्सटॉर्शन रैकेट के मास्टरमाइंड नंदू गैंग के सदस्य विकास को भी गिरफ्तार किया है। विकास अपने गुर्गों के जरिए जेल के अंदर मोबाइल और सिम कार्ड प्राप्त करता था जिससे वो बड़े बड़े व्यापारियों को फोन कर उनसे जबरन वसूली करता था। विकास तक जेल के अंदर मोबाइल और सिम कार्ड पंहुचाने में मंडोली जेल का हेड वार्डन राजेंद्र उसकी पूरी-पूरी मदद करता था। राजेंद्र का काम मोबाइल और सिम कार्ड खुफिया तरीके से जेल के मेन गेट से अंदर एंट्री कराना था। जिसके बाद राजेंद्र से मोबाइल और सिम कार्ड लेकर विकास तक पहुंचाने का काम विकास के गुर्गे हनी राजपाल का था।
दरअसल, डाबरी के रहने वाले एक शख्स ने बीती 22 तारीख को द्वारका साउथ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पास तीन दिन से दो अलग अलग नंबरों से धमकी भरे फोन आर रहे हैं जिसमें शख्स उनको नंदू गैंग से होने की बात कह रहा है और अपना नाम पीके बक्करवाला बता रहा है और 10 लाख रुपए का इंतजाम करने की बात करता है। यही नहीं पैसे ना देने के एवज में वह उसको जान से मारने की धमकी भी दे रहा है, जिसके बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।
पुलिस ने जब इस मामले की जांच पड़ताल शुरू की तो जांच में पाया कि ये दोनों नंबर मंडोली जेल के आसपास ऑपरेट हो रहे हैं, जिसमें से एक नंबर जगमोहन और दूसरा प्रमोद नाम के शख्स का है। जिसके बाद पुलिस ने प्रमोद और जगमोहन को दबोचा और पूछताछ में प्रमोद ने बताया कि ये दोनों सिम कार्ड विकास के पास है और वो मंडोली जेल में कैद है। प्रमोद ने ये भी खुलासा किया कि उसने अपने और अपने चचेरे भाई जगमोहन के नाम से 10 सिम कार्ड विकास को भेजे हैं। जिससे वो जबरन वसूली के लिए व्यपारियों को फोन करता है।
इस मामले में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये जानना था कि आखिर विकास तक सिम कार्ड पहुंचाने में उसकी मदद कौन-कौन करता है और इस पूरी चेन में कौन-कौन शामिल है। लेकिन प्रमोद से गहन पूछताछ के बाद उसने ये खुलासा किया कि वह बाहर से सिम कार्ड खरीद कर मंडोली जेल के गेट पर हेड वार्डन राजेंद्र को सिम कार्ड थमाता है जिसके बाद हेड वार्डन राजेंद्र सिक्योरिटी चेक से बचते बचाते जेल के अंदर विकास के गुर्गे हनी राजपाल को सिम कार्ड और मोबाइल देता है। उसके बाद फिर हनी राजपाल बैरक के अंदर विकास को सिम कार्ड और मोबाइल दे देता है और फिर विकास जबरन वसूली का धंधा करता है । फिलहाल पुलिस ने एक्सटॉर्शन में इस्तेमाल हुए मोबाइल और सिम कार्ड भी बरामद कर लिए हैं।