यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने जो बाइडन को देश के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई।
साथ ही भारतीय मूल की पहली अमेरिकी महिला कमला हैरिस ने भी उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। सत्ता की कुर्सी पर बैठते ही जो बाइडेन ने वही किया, जिसकी उम्मीद पूरी दुनिया को थी।
राष्ट्रपति की कुर्सी पाते ही जो बाइडेन ने कई ऐसे महत्वपूर्ण फैसले लिए और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेशों को पलट दिया। बाइडन के राष्ट्रपति बनते ही चीन को टेंशन होने लगी है।
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चीन के कई विशेषज्ञों का मानना है कि बाइडेन के आने के बाद भी चीन और अमेरिका के बीच के रिश्तों में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं होने जा रहा है।
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख के मुताबिक, चीनी एक्सपर्ट फिलहाल दोनों देशों के बीच के रिश्ते को लेकर सतर्क हैं।
उनके मुताबिक व्यापार और अन्य मुद्दों को लेकर नए अमेरिकी प्रशासन की तरफ से भी कठोर बयानबाजी जारी रहेगी। लेकिन कुछ खास व्यापार के मामलों में चीन में ट्रंप प्रशासन से पहले के सामान्य हालात बहाल हो सकते हैं।
इसी बीच, अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले ही दिन कई फैसलों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें प्रमुख तौर पर पेरिस जलवायु समझौता है।
व्हाइट हाउस ने जानकारी दी है कि जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में अमेरिका की फिर से वापसी होगी। बाइडन ने पेरिस जलवायु समझौते में दोबारा शामिल होने का ऐलान किया।
उन्होंने देश की जनता से चुनाव के दौरान यह वादा किया था। इतना ही नहीं, जो बाइडेन ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग तेज करने के इरादे से एक महामारी कंट्रोल करने के एक फैसले पर दस्तखत किया।
इस आदेश के मुताबिक, उन्होंने मास्क को और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य कर दिया है। वहीं, जो बाइेडन ने डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए अमेरिका में ‘मुस्लिम ट्रैवल बैन’ को भी खत्म कर दिया।
ट्रंप ने इसके तहत कुछ मुस्लिम देशों और अफ्रीकी देशों के अमेरिका में ट्रेवल पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं, बाइडेन ने मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने के ट्रंप के फैसले को भी पलट दिया और इसके लिए फंडिंग भी रोक दी। इस फैसले के बाद मैक्सिको ने जो बाइडेन की प्रशंसा की है।