पंजाब में तत्कालीन चन्नी सरकार के दौरान पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक पर बीजेपी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला

प्रदीप कुमार की रिपोर्ट पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मामले में आयी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बीजेपी कांग्रेस पार्टी पर हमलावर हो गयी है।केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाये है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जिस जगह पुल के बीच पीएम मोदी का काफिला रुका था, प्रदर्शनकारियों से केवल 100 मीटर दूर और पाकिस्तान से केवल 10 किमी दूर था। कुछ भी हो सकता था।

सुप्रीम कोर्ट ने पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए एसएसपी अवनील हंस को घटना का जिम्मेदार माना है। कोर्ट का कहना है कि हंस अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाए। SC का कहना है कि इसकी रिपोर्ट राज्य और केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। कोर्ट ने जनवरी में जांच के लिए समिति गठित की थी। पीएम सुरक्षा चूक पर सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आलाकमान के इशारे पर तत्कालीन चन्नी सरकार ने पीएम मोदी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ की थी।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि फिरोजपुर के एसएसपी वैकल्पिक मार्ग खोजने में दो घंटे का समय होने के बावजूद विफल रहे। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को खारिज नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के शासन के दौरान जब पीएम पंजाब पहुंचे तो सीएम, डीजीपी और मुख्य सचिव उनका स्वागत करने के लिए नहीं पहुंचे थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री चन्नी ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिए गए।

 

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केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि घटना के दौरान फोन करने पर भी सीएम नहीं मिले। पीएम मोदी वहां 20 मिनट खड़े रहे लेकिन कुछ भी हादसा होने के लिए दो मिनट ही काफी थे। इससे सवाल उठते हैं कि प्रदर्शनकारियों को पीएम के रूट की जानकारी किसने दी? एसएसपी फोन पर बार-बार किससे बात कर रहे थे? वह किससे निर्देश ले रहे थे? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए पीएम की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया था। ये स्वभाविक नहीं सुनियोजित साजिश थी

5 जनवरी को पीएम मोदी पंजाब दौरे पर थे, लेकिन किसान आंदोलन के चलते प्रदर्शनकारियों के रास्ता रोके जाने के कारण पीएम मोदी के काफिले को हुसैनीवाला से 30 किमी दूर 20 मिनट तक फंसा रहना पड़ा था। खास बात है कि इसके चलते पीएम मोदी बगैर कार्यक्रम में शामिल हुए ही वापस लौट गए। इस घटना के बाद जमकर राजनीतिक बवाल हुआ था। पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर गृहमंत्री की तरफ से तीन सदस्यीय समिति भी गठित की गई थी। उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी पीएम की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े दस्तावेज कमेटी को सौंपने के निर्देश दिए थे।

जनवरी में पंजाब में कांग्रेस की चन्नी सरकार थी। इधर, केंद्र सरकार और बीजेपी ने राज्य की सरकार पर सुरक्षा में चूक के आरोप लगाए थे। जबकि, पंजाब सरकार का कहना था कि पीएम मोदी ने अंतिम समय पर अपना रास्ता बदल लिया था।

 

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