गोहाना(सुनिल जिंदल): प्रदेश में गोहाना की अनाज मंडी धान खरीद की बड़ी मंडियों में नाम आता है। गोहाना की अनाज मंडी में किसान गोहाना इलाके से ही नहीं बल्कि आस पास के जिलों से भी किसान यहां अपना धान बेचने के लिए आते हैं।
वहीं, किसानों के 1 अक्टूबर से पीआर धान की सरकारी खरीद नहीं शुरू करने के बाद किसानों के आंदोलन को देखते 3 अक्टूबर से पीआर धान की खरीद शुरू करने के आदेश दे दिए, लेकिन सरकारी खरीद के साथ धान की खरीद को लेकर 17 प्रतिशत नमी होने पर खरीदी जाएगी और प्रति एकड़ 33 किवंटल से 25 किवंटल की दो शर्त रख दी।
इन शर्तों से सरकारी एजेंसियां किसान का धान खरीद रही है। किसानों ने आरोप लगाया कि उनके धान की खरीद समय पर नहीं हो रही है, कभी नमी, कभी सफाई, कभी दाना टूटने की बात कर परेशान किया जा रहा है।
दूसरी तरफ गोहाना मंडी में सिर्फ एक सैलर द्वारा खरीद की बात की जा रही है। अब नौ दिन में महज 9 हजार टन धान खरीदा गया है जबकि मंडी में लाखों किवंटल धान खुले आसमान में पड़ा हुआ।
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किसान धान को बेचने के लिए कई कई दिन से मंडी में डेरा लगाए हुए बैठे हैं कि कब उनका धान बिकेगा। सत्यवान नरवाल बीकेयू के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा 3 अक्टूबर से पीआर धान की खरीद शुरू कर दी थी मगर कभी नमी कभी दाने का टूटा हुआ कह कर अलग खरीद नहीं करने के बहाने बनाए जा रहे है।
हमने हैफेड के मैनेजर को बंधक बनाया है। यह कोई अधिकारी नहीं सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। किसान जब तक धान की खरीद शुरू नहीं कर लेती हम यहां से नहीं जाएंगे।
वहीं, धान बेचने आए किसानों ने बताया कि वे मंडी में धान बेचने के लिए कई दिन से मंडी में धान लेकर आए हुए है। कभी धान में नमी बताई जाती है धान में कई बार नमी चेक की जाती है।
एक दिन में नमी चेक करने वाली मशीने अलग अलग नमी बताती है। एक मे 18 दूसरी में 22 तो किस मशीन पर विश्वास करे इन मशीनों में भी गड़बड़ी है।
दूसरा कभी धान में सफाई कभी धान के दाने के टूटने की बात कह कर धान नही खरीदा जा रहा है जबकि हमारे धान साफ और एक भी दाना टूटा हुआ नहीं था। न समय पर धान खरीदा जा रहा है न उठान है न बारदाना है।
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