निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पर FIR दर्ज, केस को लेकर पुलिस ने साधी चुप्पी

गुरुग्राम। (रिपोर्ट- गुलशन ग्रोवर) भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर बार-बार प्रदेश की मनोहर सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करते रहने वाले महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के खिलाफ गुरुग्राम में एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, पुलिस अधिकारी अभी तक यह बताने को तैयार नहीं हैं कि आखिर किस मामले में और किन धाराओं में यह केस दर्ज हुआ है।

हरियाणा सरकार के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद करने वाले महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू पर शिकंजा कस सकता है। उनके खिलाफ गुरुग्राम के सेक्टर-51 थाने में साजिश के तहत धोखाधड़ी करने के साथ ही जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है। दरअसल निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू केसीसी बिल्डकाम प्राइवेट लिमिटेड नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक हैं, इसका मुख्य कार्यालय गुरुग्राम में गोल्फ कोर्स रोड स्थित एक बिल्डिंग में है। कंपनी में विधायक के साथ ही उनके भाई शिवराज कुंडू ,बीके लांबा एवं मोहम्मद हाशिम भी निदेशक हैं। इस कंपनी के पास मध्यप्रदेश में एक रोड बनाने का ठेका है, पूरा प्रोजेक्ट लगभग 170 करोड़ रुपये का है। रोड के लगभग 38 किलोमीटर की जिम्मेदारी केसीसी बिल्डकाम प्राइवेट लिमिटेड ने गुरुग्राम के सेक्टर-51 निवासी परिवर्तन सिंह की कंपनी परिवर्तन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2017 के दौरान दी थी। 38 किलोमीटर हिस्से को बनाने के लिए दोनों कंपनियों के बीच 75 करोड़ रुपये में अनुबंध किया गया था।

परिवर्तन सिंह का आरोप है कि शुरुआत में काम ठीक चला, लेकिन बाद में दिक्कत आने लगी तो उन्होंने शिकायत की । शिकायत पर केसीसी बिल्डकाम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों ने ध्यान नहीं दिया। परेशान होकर उन्होंने फरवरी 2019 में काम बंद कर हिसाब मांगा तो केसीसी के निदेशक शिवराज कुंडू एवं मोहम्मद हासिम ने भोपाल कार्यालय में बुलाकर कहा कि काम नहीं करने पर बकाया राशि नहीं मिलेगी और न ही साइट से मशीन व अन्य सामान उठाने देंगे। इसके बाद उन्होंने फिर काम करना शुरू कर दिया और उस दौरान 2 करोड़ रुपये दिए गए। उसके बाद शेष राशि जल्द देने का आश्वासन दिया गया, लेकिन राशि नहीं दी गई। इस बीच मार्च 2019 के दौरान साइट पर अचानक मोहम्मद हाशिम एवं उसके कुछ लोग पहुंचे और काम कर रहे स्टाफ को मारपीट कर के भगा दिया। यही नहीं सभी मशीन व अन्य सामान अपने कब्जे में ले लिया। 28 मार्च 2019 को उनकी कंपनी को टर्मिनेशन ऑफ कॉन्ट्रेक्ट का लेटर पकड़ा दिया गया। इसके बाद उन्हें गोल्फ कोर्स रोड स्थित मुख्य कार्यालय में बुलाया गया वहां शिवराज कुंडू, बीके लांबा एवं बलराज कुंडू ने बैठकर समझौते की बात की थी।

उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट 75 करोड़ रुपये का था। जिसका काम 55 फीसदी हो चुका था। इस हिसाब से 40 से 41 करोड़ रुपये का कुल काम हो गया था, इनमें से लगभग 28 करोड़ रुपये उनकी कंपनी को मिल गए थे, शेष 12 से 13 करोड़ रुपये के पांच चेक दो से तीन दिन के भीतर देने की बात हुई थी। तीन दिन बाद जब वह कार्यालय में पहुंचे तो शिवराज कुंडू व बीके लांबा ने धमकाना शुरू कर दिया और दोनों ने न ही चेक दिए और ना ही समझौते की कॉपी। इसके साथ ही कहा कि दोबारा यदि कार्यालय में आया तो जान से मार देंगे। इस बारे में गुरुग्राम पुलिस ने साजिश के तहत धोखाधड़ी करने व जान से मारने की धमकी देने की शिकायत पर केसीसी बिल्डकाम प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। तथ्यों की पड़ताल की जा रही है।

हाल ही में तीन नए कृषि कानूनों को लेकर भी कुंडू ने खट्टर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। इसी मामले में उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान भी किसानों के मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाया था, लेकिन उन्हें ना सत्ता पक्ष का साथ मिला और ना ही विपक्ष का। फिलहाल कुंडू बरोदा हलके में खट्टर सरकार के खिलाफ गाँव-गाँव जाकर अभियान चला रहे हैं और भाजपा प्रत्याशी को धूल चटाने का आह्वान करते घूम रहे हैं।

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