सिरसा। (रिपोर्ट- सतनाम सिंह) हरियाणा में केंद्र सरकार दवारा लगाए गए तीन कृषि संबंधी अध्यादेशों का किसान व आढ़ती जमकर विरोध कर रहे हैं। वहीं व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा है कि केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों के खिलाफ कल से प्रदेशभर की अनाज मंडियां अनिश्चितकाल के लिए बंद की जाएंगी।
प्रदेशभर की अनाज मंडियों को कल से अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का ऐलान करते हुए व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने कहा है कि जब तक सरकार तीन अध्यादेशों को वापिस नहीं लेती है या चौथा अध्यादेश लाकर किसानों की फसल आढ़तियों के माध्यम से नहीं खरीदती, तय एमएसपी पर फसल खरीद को सुनिश्चित नहीं करती है तब तक मंडियां बंद रहेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तीन सांसदों की बनाई गई कमेटी औचित्यहीन है। इस कमेटी के पास न तो कोई पावर है और न ही फैसला लेने की ताकत। ऐसे में कमेटी बनाकर सरकार किसानों को गुमराह करने का काम कर रही है। बजरंग दास गर्ग आज अनाज मंडी स्थित आढ़ती एसोसिएशन कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
बजरंग दास गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार के तीन अध्यादेश व्यापारियों को किसानों को बर्बाद कर देंगे। उन्होंने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों व आढ़तियों पर लाठीचार्ज करने व हिरासत में लेने की घटना की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार दमनकारी नीतियां अपनाकर किसान, मजदूर व व्यापारियों की आवाज को दबाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अंबानी-अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए निजी मंडियों को बढ़ावा देकर सरकार मंडियों का स्वरूप खत्म करने पर तुली है। सरकार की नीति और नीयत खराब है। इसलिए आंदोलन कर रहे लोगों की आवाज को दबाने का कुचक्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि लेस्टर लोस के नाम पर किसानों के जो 160 करोड़ रूपये काटे गए हैं वे तुरंत जारी किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार राशि जारी करने का आश्वासन जरूर दे रही है, लेकिन पांच माह का समय बीतने के बावजूद अभी तक राशि जारी नहीं की गई।
इसके अलावा बजरंग दास गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों की हितैषी होने का दंभ भरती है। लेकिन किसान खराब फसलों की स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि तीन अध्यादेशों को लेकर भी हरियाणा सरकार कुछ भी करती दिखाई नहीं दे रही। उन्होंने मांग की है कि पंजाब की तर्ज पर विधानसभा में तीन अध्यादेशों के खिलाफ बिल लाकर हरियाणा सरकार केंद्र को भेजे। केंद्र सरकार से अनुरोध करे कि हरियाणा में स्थिति तीन अध्यादेशों को लागू करने की नहीं है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। इससे साफ है कि हरियाणा सरकार किसान हितैषी नहीं है।