नोएडा– अपनी घूमती गेंदों से दुनिया के बड़े-बड़े बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर देने वाले अनिल कुंबले का आज 50वां जन्मदिन है। अनिल कुंबले को क्रिकेट जगत में जंबो के नाम से भी जाना जाता है। भारत के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक रहे कुंबले ने भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 619 विकेट अपने नाम दर्ज किए हैं। वहीं कुंबले इकलौते ऐसे भारतीय और दुनिया के दूसरे गेंदबाज हैं, जिन्होंने एक पारी के सभी 10 विकेट अपने नाम किए।
? Only Indian bowler to take 600 Test wickets
? Only the second bowler in Tests to take 10 wickets in an inningsWishing former #TeamIndia skipper @anilkumble1074 a very happy birthday ??
Let’s revisit his 10-wicket haul vs Pakistan to bring in his birthday.
Watch?️?
— BCCI (@BCCI) October 17, 2020
कुंबले ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत वनडे फॉर्मेट से साल 1990 में की थी। 18 साल भारत के लिए क्रिकेट खेलने के बाद कुंबले ने साल 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। कुंबले ने शारजाह के मैदान पर साल 1990 में श्रीलंका के खिलाफ अपने करियर का आगाज किया था।
1999 में पाकिस्तान का काल बने कुंबले !
क्रिकेट के इस सबसे लंबे फॉर्मेट में जंबो ने भारत को कई यादगार जीत दिलाई हैं। साल 1999 में फिरोजशाह कोटला के मैदान पर कुंबले ने वो करके दिखाया, जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए इस टेस्ट मैच की दूसरी पारी में सभी 10 विकेट अपने नाम किए थे। 420 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही पाकिस्तान की टीम एक समय 101 पर बिना कोई विेकेट गंवाए खेल रही थी, लेकिन कुंबले ने एक के बाद पाकिस्तान के बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने की शुरुआत की और पूरी टीम को अकेले ही ऑलआउट करके भारत को उस मैच में 212 रनों से जीत दिलाई।
अनिल कुंबले का करियर रिकॉर्ड
कुंबले उन तीन स्पिन गेंदबाजों में से एक हैं, जिन्होने टेस्ट क्रिकेट में 600 से ज्यादा विकेट अपने नाम किए है। उन्होंने अपने करियर में खेले 132 टेस्ट मैचों की 236 पारियों में कुल 619 विकेट अपने नाम किए। इसके अलावा कुंबले ने एकदिवसीय क्रिकेट में 271 मैचों में 337 विकेट हासिल किए और उनका इकोनॉमी रेट भी महज 4.30 का रहा।
अनिल कुंबले वो महान खिलाड़ी ने थे जिन्होंने कई मौकों पर भारत को यादगार जीत दिलाई थी। उनकी उपलब्धियों को आप क्रिकेट के आंकड़ों के जरिए नहीं आंक सकते हैं। जिसने भी कुंबले को उनके करियर के दौरान खेलते देखा, वो उनका हमेशा ही फैन रहा।