सिरसा में रणजीत मर्डर मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत को 27 अगस्त तक फैसला स्थगित करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने इस मामले में 26 अगस्त को फैसला सुनाने की तारीख तय की थी।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट आरएस बैंस ने बताया कि याचिकाकर्ता रणजीत सिंह के बेटे जगशीर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केस को किसी और अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की है जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत को 27 अगस्त तक फैसला स्थगित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी किया है और अदालत से कमैंट्स मांगे हैं।
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डेरे के सेवक रहे खट्टा सिंह ने रणजीत सिंह की हत्या का आरोप राम रहीम पर लगाया था। दरअसल, उसे लगता था कि यौन शोषण मामले से संबंधित चिटि्ठयां रणजीत सिंह ने ही जगह–जगह भेजी थीं। खट्टा सिंह ने कोर्ट में कहा था, ‘रणजीत ने गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से लिखवाई थी, इसलिए राम रहीम ने मेरे सामने 16 जून 2002 को सिरसा डेरे में उसको मारने का आदेश दिया था।’ 10 जुलाई 2003 को रणजीत सिंह की हत्या हो गई थी।
राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में 20 साल की कैद हुई है। पत्रकार की हत्या के मामले में वह उम्रकैद की सजा काट रहा है। 27 अगस्त 2017 को रोहतक की सुनारियां जिला जेल में ही CBI की अदालत लगाई गई। इस दिन सजा तय होने के बाद से राम रहीम जेल में है। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के मर्डर केस में भी उसे 20 साल की कैद हो गई थी।